2 इतिहास 6:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)5 उसने यह कहा था, “जिस दिन मैंने अपने निज लोग इस्राएलियों को मिस्र देश से बाहर निकाला, उस दिन से आज तक मैंने इस्राएली कुलों का कोई भी नगर नहीं चुना कि मैं एक भवन बनाऊं और वहां मेरा नाम प्रतिष्ठित हो। मैंने अपने निज लोग इस्राएलियों पर शासन करने के लिए भी किसी व्यक्ति को नहीं चुना। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल5 ‘जब से मैं अपने लोगों को मिस्र से बाहर लाया तब से अब तक मैंने इस्राएल के किसी परिवार समूह से कोई नगर नहीं चुना है, जहाँ मेरे नाम का एक भवन बने। मैंने अपने निज लोगों इस्राएलियों पर शासन करने के लिये भी किसी व्यक्ति को नहीं चुना है। अध्याय देखेंHindi Holy Bible5 कि जिस दिन से मैं अपनी प्रजा को मिस्र देश से निकाल लाया, तब से मैं ने न तो इस्राएल के किसी गोत्र का कोई नगर चुना जिस में मेरे नाम के निवास के लिये भवन बनाया जाए, और न कोई मनुष्य चुना कि वह मेरी प्रजा इस्राएल पर प्रधान हो। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)5 ‘जिस दिन से मैं अपनी प्रजा को मिस्र देश से निकाल लाया, तब से मैं ने न तो इस्राएल के किसी गोत्र का कोई नगर चुना जिसमें मेरे नाम के निवास के लिये भवन बनाया जाए, और न कोई मनुष्य चुना कि वह मेरी प्रजा इस्राएल पर प्रधान हो। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल5 ‘जिस दिन मैं अपनी प्रजा इस्राएल को मिस्र देश से बाहर लाया हूं, उसी दिन से मैंने इस्राएल के सभी गोत्रों में से ऐसे किसी भी नगर को नहीं चुना, जहां एक ऐसा भवन बनाया जाए जहां मेरी महिमा का वास हो; वैसे ही मैंने अपनी प्रजा इस्राएल का प्रधान होने के लिए किसी व्यक्ति को भी नहीं चुना; अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20195 ‘जिस दिन से मैं अपनी प्रजा को मिस्र देश से निकाल लाया, तब से मैंने न तो इस्राएल के किसी गोत्र का कोई नगर चुना जिसमें मेरे नाम के निवास के लिये भवन बनाया जाए, और न कोई मनुष्य चुना कि वह मेरी प्रजा इस्राएल पर प्रधान हो। अध्याय देखें |
राजा रहबआम ने राजधानी यरूशलेम में स्वयं को पुन: सुदृढ़ किया, और यहूदा प्रदेश पर राज्य करने लगा। जब उसने राज्य करना आरम्भ किया तब उसकी आयु इकतालीस वर्ष की थी। उसने राजधानी यरूशलेम में सत्रह वर्ष तक राज्य किया। प्रभु ने अपने नाम को प्रतिष्ठित करने के लिए इस्राएल के समस्त कुलों के क्षेत्रों में से इस यरूशलेम नगर को चुना था। रहबआम की मां का नाम नामाह था। वह अम्मोन देश की थी।
“हे परमेश्वर, तेरा नाम इस भवन में प्रतिष्ठित है। अत: जब हम पर अनिष्ट का बादल छाएगा, जब हम पर शत्रु की तलवार का प्रहार होगा, हम पर महामारी और अकाल की छाया पड़ेगी, अथवा जब तू हमें न्यायपूर्ण दण्ड देगा, तब हम तेरे इस भवन में तेरे सम्मुख खड़े होंगे, और अपने संकट में तेरी दुहाई देंगे। तब प्रभु, तू हमारी प्रार्थना सुनेगा, और हमें बचाएगा।”
तब तुम उस स्थान पर, जिसको तुम्हारा प्रभु परमेश्वर चुनेगा और अपने नाम को वहां प्रतिष्ठित करेगा, ये सब वस्तुएं लाना, जिनका आदेश मैंने तुम्हें दिया है : तुम्हारी अग्नि-बलि और पशु-बलि, तुम्हारा दशमांश तथा भेंट जिसको तुम चढ़ाते हो, और तुम्हारी समस्त मन्नत-बलि, जिसकी मन्नत तुम प्रभु से मानते हो।