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2 इतिहास 32:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

20 तब इस विपत्ति के कारण राजा हिजकियाह तथा नबी यशायाह बेन-आमोत्‍स ने परमेश्‍वर की दुहाई दी।

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पवित्र बाइबल

20 राजा हिजकिय्याह और आमोस के पुत्र यशायाह नबी ने इस समस्या के बारे में प्रार्थना की। उन्होंने जोर से स्वर्ग को पुकारा।

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Hindi Holy Bible

20 तब इन घटनाओं के कारण राजा हिजकिय्याह और आमोस के पुत्र यशायाह नबी दोनों ने प्रार्थना की और स्वर्ग की ओर दोहाई दी।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

20 तब इन घटनाओं के कारण राजा हिजकिय्याह और आमोस के पुत्र यशायाह नबी दोनों ने प्रार्थना की और स्वर्ग की ओर दोहाई दी।

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सरल हिन्दी बाइबल

20 राजा हिज़किय्याह और आमोज़ के पुत्र भविष्यद्वक्ता यशायाह ने इस विषय पर प्रार्थना की और स्वर्ग की दोहाई दी.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

20 तब इन घटनाओं के कारण राजा हिजकिय्याह और आमोस के पुत्र यशायाह नबी दोनों ने प्रार्थना की और स्वर्ग की ओर दुहाई दी।

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2 इतिहास 32:20
13 क्रॉस रेफरेंस  

जब राजा हिजकियाह ने यह सुना तब उसने पश्‍चात्ताप और शोक प्रकट करने के लिए तत्‍काल अपने वस्‍त्र फाड़ दिए। उसके बाद उसने अपने शरीर पर टाट के वस्‍त्र लपेटे और वह प्रभु के भवन में गया।


यहूदा प्रदेश के सैनिकों ने पीछे देखा तो उन्‍हें पता चला कि आगे और पीछे से उन पर आक्रमण होगा। अत: उन्‍होंने प्रभु की दुहाई दी, और उनके पुरोहितों ने युद्ध की तुरहियां फूंकीं।


आसा उसका सामना करने के लिए निकला। उन्‍होंने सापता घाटी में, मारेशा में युद्ध के लिए पंिक्‍त बांधी।


तब राजा आसा ने प्रभु परमेश्‍वर की दुहाई दी। उसने कहा, ‘हे प्रभु, निर्बल की सहायता करने वाला तेरे समान और कौन ईश्‍वर है? जब बलवान और निर्बल में लड़ाई होती है, तब तू निर्बल की सहायता करता है। हे प्रभु परमेश्‍वर, हमारी सहायता कर; क्‍योंकि हमने तुझ पर भरोसा किया है। हम तेरे नाम में ही शत्रु की इस विशाल सेना का सामना करने के लिए आए हैं। हे प्रभु, तू ही हमारा परमेश्‍वर है। कोई भी मनुष्‍य तुझ पर प्रबल न हो!’


दूत यरूशलेम के परमेश्‍वर के विषय में ऐसे शब्‍दों का प्रयोग कर रहे थे, जिनका प्रयोग वे पृथ्‍वी के अन्‍य देशों के उन देवी-देवताओं के विषय में करते थे, जो केवल मिट्टी के पुतले, मनुष्‍य के हाथों की रचना हैं!


प्रभु ने उनकी प्रार्थना सुनी, और अपने दूत को भेजा। दूत ने असीरिया के राजा के शिविर में उसके शक्‍तिशाली योद्धाओं, सेनापतियों और उच्‍चाधिकारियों का वध कर दिया। अत: वह पराजय की लज्‍जा में डूबा हुआ अपने देश को लौट गया। एक दिन जब वह अपने इष्‍ट देवता के मन्‍दिर में पूजा कर रहा था, तब उसके पुत्रों ने ही तलवार से उसकी हत्‍या कर दी।


संकटकाल में मुझे पुकार। मैं तुझे मुक्‍त करूंगा, और तू मेरी महिमा करेगा।”


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