2 इतिहास 26:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)10 इसी प्रकार उसने निर्जन प्रदेश में भी मीनारें बनाईं। राजा उज्जियाह खेती-किसानी पसन्द करता था। उसके पहाड़ी क्षेत्रों और उपजाऊ भूमिक्षेत्र में अनेक किसान और अंगूर-उद्यान के माली थे, जो अंगूर-रस निकालते थे। उसके पास शफेलाह के चरागाह तथा मैदानी इलाके में विशाल रेवड़ थे, जिनके लिए उसने वहां कुएँ खुदवाए थे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल10 उज्जिय्याह ने मीनारों को मरुभूमि में बनाया। उसने बहुत से कुँए भी खुदवाए। उसके पास पहाड़ी और मैदानी प्रदेशों में बहुत से पशु थे। उज्जिय्याह के पास पर्वतों में और जहाँ अच्छी उपज होती थी, उस भूमि में किसान थे। वह ऐसे व्यक्तियों को भी रखे हुए था जो उन खेतों की रखवाली करते थे जिनमें अँगूर होते थे। उसे कृषि से प्रेम था। अध्याय देखेंHindi Holy Bible10 और उसके बहुत जानवर थे इसलिये उसने जंगल में और नीचे के देश और चौरस देश में गुम्मट बनवाए और बहुत से हौद खुदवाए, और पहाड़ों पर और कर्म्मेल में उसके किसान और दाख की बारियों के माली थे, क्योंकि वह खेती किसानी करने वाला था। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)10 उसके पास बहुत से जानवर थे, इसलिये उसने जँगल में और नीचे के देश और चौरस देश में गुम्मट बनवाए और बहुत से हौद खुदवाए, और पहाड़ों पर और कर्मेल में उसके किसान और दाख की बारियों के माली थे, क्योंकि वह खेती किसानी करनेवाला था। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल10 बंजर भूमि में उसने पहरेदारों के खंभे खड़े किए और अनेक तालाबों को भी बनवाया, क्योंकि मैदानों में बड़ी संख्या में उसके पशु थे. पहाड़ी इलाके में उसके किसान और अंगूर के बगीचों के रखवाले थे. उसके अनेक उपजाऊ खेत भी थे, क्योंकि खेती उसे प्यारी थी. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201910 उसके बहुत जानवर थे इसलिए उसने जंगल में और नीचे के देश और चौरस देश में गुम्मट बनवाए और बहुत से हौद खुदवाए, और पहाड़ों पर और कर्मेल में उसके किसान और दाख की बारियों के माली थे, क्योंकि वह खेती किसानी करनेवाला था। अध्याय देखें |
तूने सन्देशवाहकों के द्वारा मुझ-स्वामी का उपहास किया। तूने यह कहा, ‘मैंने अपने अनेक रथों पर पहाड़ों की ऊंचाई नाप ली है; मैं लबानोन की चोटी को चूम चुका हूं। मैं लबानोन के जंगलों के ऊंचे-से-ऊंचे देवदार वृक्षों को, उसके सुन्दर-से-सुन्दर सनोवर वृक्षों को काट चुका हूं! मैं लबानोन के दूरस्थ कोनों में उसके वन-प्रान्तर में प्रवेश कर चुका हूं।