6 राजा आसा अपने साथ समस्त यहूदा प्रदेश के निवासियों को ले गया। जिन पत्थरों और लकड़ियों से राजा बाशा रामाह नगर की किलाबन्दी कर रहा था, उनको यहूदा प्रदेश के निवासी ढोकर ले गए। राजा आसा ने उन पत्थरों और लकड़ियों से गेबा नगर और मिस्पाह नगर की किलाबन्दी की।
6 तब राजा आसा ने यहूदा के सभी लोगों को इकट्ठा किया। वे रामा नगर को गये और लकड़ी तथा पत्थर उठा लाए जिनका उपयोग बाशा ने किला बनाने के लिये किया था। आसा और यहूदा के लोगों ने पत्थरों और लकड़ी का उपयोग गेवा और मिस्पा नगरों को अधिक मजबूत बनाने के लिये किया।
6 तब राजा आसा ने पूरे यहूदा देश को साथ लिया और रामा के पत्थरों और लकड़ी को, जिन से बासा काम करता था, उठा ले गया, और उन से उसने गेवा, और मिस्पा को दृढ़ किया।
6 तब राजा आसा ने पूरे यहूदा देश को साथ लिया और रामा के पत्थरों और लकड़ी को, जिन से बाशा काम करता था, उठा ले गया, और उनसे उसने गेवा, और मिस्पा को दृढ़ किया।
6 राजा आसा ने सारी यहूदी जनता को वहां ले जाकर रामाह के निर्माण स्थल से सारे पत्थर और लकड़ियां इकट्ठा कर लीं, जिनसे बाशा बनाने का काम कर रहा था. इस सामान को लेकर उसने गेबा और मिज़पाह नगरों की गढ़बन्दी कर दी.
6 तब राजा आसा ने पूरे यहूदा देश को साथ लिया और रामाह के पत्थरों और लकड़ी को, जिनसे बाशा काम करता था, उठा ले गया, और उनसे उसने गेबा, और मिस्पा को दृढ़ किया।
समस्त देश एक मैदान के रूप में बदल जाएगा: देश गेबा नगर से यरूशलेम के दक्षिण में स्थित रिम्मोन नगर तक एक विस्तृत सपाट भूमि हो जाएगा। परन्तु यरूशलेम अपने ऊंचे स्थान पर बसा रहेगा। उसकी नगर-सीमा बिन्यामिन-द्वार से नुक्कड़वाले फाटक तक (जहां प्राचीन काल में प्रवेश-द्वार था), हननएल मीनार से राजा के अंगूर-रस कुण्डों तक होगी।
उन्होंने यहूदा प्रदेश पर आक्रमण कर दिया। वे यहूदा प्रदेश के निवासियों पर टूट पड़े और राजभवन की समस्त धन-सम्पत्ति को लूट लिया। वे राजा योराम के पुत्रों और रानियों को बन्दी बनाकर ले गए। उसके पास उसका सबसे छोटा पुत्र अहज्याह ही रह गया, शेष सब पुत्र बन्दी बनकर चले गए।
उन्होंने हारून के वंशजों को बिन्यामिन कुल के ये नगर भी दिये : गेबा, आलेमेत, अनातोत और उनके चरागाह। उनके सब गोत्रों को प्राप्त नगरों की संख्या तेरह थी।
राजा आसा ने समस्त यहूदा प्रदेश में अनिवार्य सैनिक सेवा की घोषणा कर दी। एक भी व्यक्ति नहीं छोड़ा गया। जिन पत्थरों और लकड़ियों से बाशा रामाह की किलाबन्दी कर रहा था, उनको यहूदा प्रदेश के लोग ढोकर ले गए। राजा आसा ने उन पत्थरों और लकड़ियों से बिन्यामिन कुल के भूमिक्षेत्र के गेबा नगर और मिस्पाह नगर की किलाबन्दी की।
अत: वे मिस्पाह में एकत्र हुए। उन्होंने पानी भरा और उसको प्रभु के सम्मुख उण्डेला। उन्होंने उस दिन उपवास किया। उन्होंने वहाँ यह स्वीकार किया, ‘हमने प्रभु के विरुद्ध पाप किया है।’ इस प्रकार शमूएल मिस्पाह में इस्राएलियों पर शासन करने लगा।
उन्हीं दिनों में यहूदा प्रदेश के राजा आसा के पास एक द्रष्टा आया। उसक नाम हनानी था। उसने राजा से कहा, ‘महाराज, आपने अपने प्रभु परमेश्वर पर नहीं, बल्कि सीरिया के राजा पर भरोसा किया। इसलिए सीरिया के राजा की सेना आपके हाथ से बच गई।