हारून-वंशीय ये पुरोहित प्रतिदिन सबेरे और सन्ध्या समय प्रभु के लिए अग्नि-बलि चढ़ाते हैं, सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाते हैं। वे कुन्दन की मेज पर भेंट की रोटी रखते हैं। वे स्वर्ण दीपाधार के दीये नियमित रूप से सन्ध्या समय जलाते हैं। इस प्रकार हम अपने प्रभु परमेश्वर के आदेश का पालन करते हैं; किन्तु तुमने उसको त्याग दिया।
मैंने केवल एक वरदान प्रभु से मांगा है; मैं जीवन पर्यन्त प्रभु के घर में निवास करूँ, और प्रभु के सौन्दर्य को निहार सकूँ; उसके भवन में दर्शन करूँ। मैं इसी वरदान की खोज करूँगा।
किसी दिन जब वे शिलोह में खा-पी चुके तब हन्नाह उठी, और वह प्रभु के सम्मुख खड़ी हो गई। पुरोहित एली प्रभु के मन्दिर की चौखट के बाजू में अपने आसन पर बैठा था।