सैनिकों ने कहा, ‘महाराज, आप नगर के बाहर नहीं जाएँगे। यदि हमें भागना पड़ेगा तो शत्रु हमारी ओर ध्यान नहीं देंगे। सेना के आधे सैनिक वीरगति प्राप्त करेंगे, तो भी वे हमारी ओर ध्यान नहीं देंगे। परन्तु महाराज, आप दस हजार सैनिकों के बराबर हैं। इसलिए, अच्छा यह होगा कि आप नगर में ठहर कर यहाँ से हमें सहायता भेजें।’
मैं उसको देखता हूं, पर अभी नहीं; मैं उस पर दृष्टिपात करता हूं, किन्तु निकट से नहीं : याकूब में से एक तारे का उदय होगा, इस्राएल में से एक राजदण्ड उठेगा। वह मोआब देश के सीमान्तों को कुचलेगा, शेत के पुत्रों को धूल-धूसरित करेगा,
येशु ने उनसे कहा, “क्या तुम लोगों ने धर्मग्रन्थ में कभी यह नहीं पढ़ा : ‘कारीगरों ने जिस पत्थर को बेकार समझ कर फेंक दिया था, वही कोने की नींव का पत्थर बन गया है। यह प्रभु का कार्य है और हमारी दृष्टि में अद्भुत है।’?
इस्राएलियों ने पाप किया है। जिस विधान का पालन करने की आज्ञा मैंने उन्हें दी थी, उसका उन्होंने उल्लंघन किया है। उन्होंने सर्वनाश के इस युद्ध में अर्पित लूट में से कुछ वस्तुएं ले ली हैं। उन्होंने चोरी की है, और वे झूठ बोले हैं। उन्होंने उन वस्तुओं को अपने सामान में छिपा दिया है।
इसलिए इस्राएली अपने शत्रु का सामना करने में असमर्थ हैं! उन्होंने अपने शत्रु को पीठ दिखाई, क्योंकि वे स्वयं अपने सर्वनाश का कारण बन गए हैं! जब तक तू अपने मध्य से लूट की वस्तु को, जो मुझे अर्पित की जानी चाहिए, दूर नहीं करेगा तब तक मैं तेरे साथ नहीं रहूंगा।
इस्राएली समाज के स्तंभ, अर्थात् इस्राएली कुलों के नेतागण परमेश्वर के निज लोगों की इस धर्मसभा में उपस्थित थे। ये तलवार चलानेवाले चार लाख पैदल सैनिक थे।