3 ये यदूतून के पुत्र थे : गदलयाह, सरी, यशायाह, शिमई, हशबयाह और मत्तित्याह। ये छ: पुत्र अपने पिता यदूतून के अधीन सेवा-कार्य करते थे। यदूतून प्रभु की सराहना और स्तुति में आराधना के अवसर पर वीणा बजाता और नबूवत करता था।
3 यदूतून परिवार सेः गदल्याह, सरी, यशायाह, शिमी, हसब्याह और मत्तित्याह। ये छः थे। यदूतून ने अपने पुत्रों का नेतृत्व किया। यदूतून ने सारंगी का उपयोग भविष्यवाणी करने और यहोवा को धन्यवाद देने और उसकी स्तुति के लिये किया।
3 फिर यदूतून के पुत्रोंमें से गदल्याह, सरीयशायाह, हसब्याह, मत्तित्याह, थे ही छ: अपके पिता यदूतून की आज्ञा में होकर जो यहोवा का धन्यवाद और स्तुति कर करके नबूवत करता या, वीणा बजाते थे।
3 फिर यदूतून के पुत्रों में से गदल्याह, सरी, यशायाह, शिमी, हसब्याह, मत्तित्याह, ये ही छ: अपने पिता यदूतून की आज्ञा में होकर जो यहोवा का धन्यवाद और स्तुति कर करके नबूवत करता था, वीणा बजाते थे।
3 यदूथून-वंशज: यदूथून के वंशज थे गेदालियाह, ज़ेरी, येशाइयाह, शिमेई, हशाबियाह और मत्तीथियाह, ये छः अपने पिता यदूथून के साथ किन्नोर वाद्य यंत्र के संगीत में याहवेह की स्तुति करते, उनके प्रति धन्यवाद प्रकट करते और भविष्यवाणी करते थे.
3 फिर यदूतून के पुत्रों में से गदल्याह, सरी, यशायाह, शिमी, हशब्याह, मत्तित्याह, ये ही छः अपने पिता यदूतून की आज्ञा में होकर जो यहोवा का धन्यवाद और स्तुति कर करके नबूवत करता था, वीणा बजाते थे।
वहां आनन्द-उल्लास का स्वर फिर सुनाई देगा, दूल्हा-दुल्हिन के हास-परिहास की आवाज सुनाई देगी। जब आराधक प्रभु के भवन में स्तुति-बलि चढ़ाने के लिए आएंगे तब वे आनन्द से यह गीत गाएंगे: “स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को धन्यवाद दो, क्योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है।” मैं-प्रभु कहता हूं : मैं पहले के समान इस देश की दशा समृद्ध कर दूंगा।’
इनके साथ इनके चचेरे भाई-बन्धु भी थे जो उनके सहायक थे। उनके नाम इस प्रकार हैं: जकर्याह, यअजीएल, शमीरमोट, यहीएल, ऊन्नी, एलीआब, बनायाह, मअसेयाह, मत्तित्याह, एलीपलेहू और मिकनेयाह तथा ओबेद-एदोम और यीईएल, जो द्वारपाल थे।
ये भी उप-पुरोहित थे : ओबद्याह, जो शमायाह का पुत्र, गालाल का पौत्र और यदूतून का प्रपौत्र था; बेरेकयाह, जो आसा का पुत्र और एलकानाह का पौत्र था। एलकानाह नटोपाती लोगों के कस्बों में रहता था।
हेमान के ये पुत्र थे: बुिक्कयाह, मत्तन्याह, ऊज्जीएल, शबूएल, यरीमोत, हनन्याह, हनानी, एलीआताह, गिद्दलती, रोममतीएजेर, योशबकाशाह, मल्लोती, होतीर और महजीओत।
उसके बाद तुम गिबअत-एलोहीम नामक स्थान पर पहुँचोगे, जहाँ पलिश्तियों का प्रशासक रहता है। जब तुम नगर में प्रवेश करोगे तब तुम्हें वहाँ पहाड़ी शिखर की वेदी से नबियों का एक दल उतरता हुआ मिलेगा। वे सितार, डफ, बांसुरी और वीणा बजाते होंगे। वे नबूवत कर रहे होंगे।