तब तू अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना। जिस कार्य के लिए विदेशी तुझे पुकारेंगे, तू उस कार्य को करना। इस प्रकार तेरे निज लोग इस्राएलियों के समान पृथ्वी के सब लोग भी तेरे नाम को जानेंगे, और तेरी भक्ति करेंगे। उनको ज्ञात होगा कि यह भवन जो मैंने निर्मित किया है, तेरे नाम को समर्पित है।
वहां आनन्द-उल्लास का स्वर फिर सुनाई देगा, दूल्हा-दुल्हिन के हास-परिहास की आवाज सुनाई देगी। जब आराधक प्रभु के भवन में स्तुति-बलि चढ़ाने के लिए आएंगे तब वे आनन्द से यह गीत गाएंगे: “स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को धन्यवाद दो, क्योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है।” मैं-प्रभु कहता हूं : मैं पहले के समान इस देश की दशा समृद्ध कर दूंगा।’
आप लोग येशु मसीह द्वारा पवित्र किये गये हैं और उन सब के साथ सन्त बनने के लिए बुलाये गये हैं, जो कहीं भी हमारे प्रभु येशु मसीह-अर्थात अपने तथा हमारे प्रभु-का नाम लेते हैं।