1 इतिहास 15:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)16 दाऊद ने उप-पुरोहितों के अगुओं को यह आदेश दिया कि वे अपने चचेरे भाई-बन्धुओं को गायक और वादक के पद पर नियुक्त करें। ये संगीतकार सारंगी, वीणा और झांझ बजाएंगे और उच्च स्वर में आनन्दपूर्वक गाएंगे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल16 दाऊद ने लेनीवंशियों को उनके गायक भाईयों को लाने के लिये कहा। गायकों को अपनी वीणा, तम्बूरा और मंजीरा लाना था तथा प्रसन्नता के गीत गाना था। अध्याय देखेंHindi Holy Bible16 और दाऊद ने प्रधान लेवियों को आज्ञा दी, कि अपने भाई गवैयों को बाजे अर्थात सारंगी, वीणा और झांझ देकर बजाने और आनन्द के साथ ऊंचे स्वर से गाने के लिये नियुक्त करें। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)16 तब दाऊद ने प्रधान लेवियों को आज्ञा दी कि वे अपने भाई गवैयों को बाजे अर्थात् सारंगी, वीणा और झाँझ देकर बजाने और आनन्द के साथ ऊँचे स्वर से गाने के लिये नियुक्त करें। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल16 दावीद ने लेवियों के प्रधानों को यह आदेश दे रखा था कि वे अपने गायक संबंधियों को चुनें कि वे बाजों के साथ और ऊंची आवाज की झांझ के साथ आनंद में गायें. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201916 तब दाऊद ने प्रधान लेवियों को आज्ञा दी कि अपने भाई गवैयों को बाजे अर्थात् सारंगी, वीणा और झाँझ देकर बजाने और आनन्द के साथ ऊँचे स्वर से गाने के लिये नियुक्त करें। अध्याय देखें |
जब आराधक प्रभु की स्तुति और धन्यवाद में गीत गाते थे, तब उनके स्वर में स्वर मिलाकर ये गायक भी गाते और तुरही बजाने वाले पुरोहित तुरही बजाते थे। इस प्रकार गीत और संगीत में ताल-मेल बैठाना गायकों और इन पुरोहितों का काम था। अत: जब पुरोहित पवित्र स्थान से बाहर निकले, और जब तुरही और झांझ तथा अन्य वाद्य-यन्त्रों पर प्रभु की स्तुति में यह गीत गूंजा : ‘क्योंकि प्रभु भला है, और उसकी करुणा सदा की है,’ तब भवन, प्रभु का भवन एक मेघ से भर गया।
पुरोहित अपने निर्धारित स्थान पर सेवा-कार्य के लिए खड़े थे। लेवीय उपपुरोहित भी अपने-अपने हाथों में वाद्य-यन्त्र लिए हुए खड़े थे। ये वाद्य-यन्त्र राजा दाऊद ने प्रभु की महिमा के लिए, उसके नाम का गुणगान करने के लिए बनाए थे। जब राजा दाऊद का यह स्तुति-गान ‘प्रभु की करुणा सदा की है’ होता था, तब उपपुरोहित वाद्य-यन्त्र बजाते थे। अत: उपपुरोहितों ने वाद्य-यन्त्र बजाए। दूसरी ओर पुरोहित तुरहियां बजाते रहे। सब इस्राएली पास खड़े रहे।
वहां आनन्द-उल्लास का स्वर फिर सुनाई देगा, दूल्हा-दुल्हिन के हास-परिहास की आवाज सुनाई देगी। जब आराधक प्रभु के भवन में स्तुति-बलि चढ़ाने के लिए आएंगे तब वे आनन्द से यह गीत गाएंगे: “स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को धन्यवाद दो, क्योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है।” मैं-प्रभु कहता हूं : मैं पहले के समान इस देश की दशा समृद्ध कर दूंगा।’