वह रेगिस्तान खिलते हुये फलों से भर उठेगा और अपनी प्रसन्नता दर्शाने लगेगा। ऐसा लगेगा जैसे रेगिस्तान आनन्द में भरा नाच रहा है। यह रेगिस्तान ऐसा सुन्दर हो जायेगा जैसा लबानोन का वन है, कर्मेल का पहाड़ है और शारोन की घाटी है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सभी लोग यहोवा की महिमा का दर्शन करेंगे। लोग हमारे परमेश्वर की महानता को देखेंगे।
आने वाले दिनों में याकूब (इस्राएल) के लोग उस पौधे के समान होंगे जिसकी जड़े उत्तम होती हैं। याकूब का विकास उस पनपते पौधे सा होगा जिस पर बहार आई हो। फिर धरती याकूब के वंशजों से भर जायेगी जैसे पेड़ों के फलों से वह भर जाती है।”
खेत भरपूर फसल दे। पहाड़ियाँ फसलों से ढक जायें। ये खेत लबानोन के खेतों से उपजाऊँ हो जायें। नगर लोगों की भीड़ से भर जाये, जैसे खेत घनि घास से भर जाते हैं।
फिर बहुत से लोगों के बीच में याकूब के बचे हुए वंशज ओस के बूँद जैसे होंगे जो यहोवा की ओर से आई हो। वे घास के ऊपर वर्षा जैसे होंगे। वे लोगों पर निर्भर नहीं होंगे। वे किसी जन की प्रतीक्षा नहीं करेंगे। वे किसी पर भी निर्भर नहीं होंगे।
“प्यासे लोगों के लिये मैं पानी बरसाऊँगा। सूखी धरती पर मैं जलधाराएँ बहाऊँगा। तेरी संतानों में मैं अपनी आत्मा डालूँगा। तेरे परिवार पर वह एक बहती जलधारा के समान होगी।
यहोवा कहता है, मरे हुए तेरे लोग फिर से जी जायेंगे! मेरे लोगों की देह मृत्यु से जी उठेगी। हे मरे हुए लोगों, हे धूल में मिले हुओं, उठो और तुम प्रसन्न हो जाओ। वह ओस जो तुझको घेरे हुए है, ऐसी है जैसे प्रकाश में चमकती हुई ओस। धरती उन्हें फिर जन्म देगी जो अभी मरे हुए हैं।
यहोवा ने कहा, “जो स्थान मेरे लिये तैयार किया गया है, मैं उस स्थान पर होऊँगा। मैं चुपचाप इन बातों को घटते हुए देखूँगा। गर्मी के एक सुहावने दिन दोपहर के समय जब लोग आराम कर रहे होंगे (यह तब होगा जब कटनी का गर्म समय होगा, वर्षा नहीं होगी, बस अलख सुबह की ओस ही पड़ेगी।)
“कुमुदिनियों को देखो, वे कैसे उगती हैं? न वे श्रम करती है, न कताई, फिर भी मैं तुमसे कहता हूँ कि सुलैमान अपने सारे वैभव के साथ उन में से किसी एक के समान भी नहीं सज सका।
यह वैसा है जैसे धुंध भरी ओस हेर्मोन की पहाड़ी से आती हुई सिय्योन के पहाड पर उतर रही हो। यहोवा ने अपने आशीर्वाद सिय्योन के पहाड़ पर ही दिये थे। यहोवा ने अमर जीवन की आशीष दी थी।
“उपर आकाश से पुण्य ऐसे बरसता है जैसे मेघ से वर्षा धरती पर बरसती है! धरती खुल जाती है और पुण्य कर्म उसके साथ—साथ उग आते हैं जो मुक्ति में फलते फूलते हैं। मैंने, मुझ यहोवा ने ही यह सब किया है।
मैंने इस्राएल की राहें देख ली थी। किन्तु मैं उसे क्षमा (चंगा) करूँगा। मैं उसे चैन दूँगा और ऐसे वचन बोलूँगा जिस से उसको आराम मिले और मैं उसको राह दिखाऊँगा। फिर उसे और उसके लोगों को दु:ख नहीं छू पायेगा।
उन लोगों को मैं एक नया शब्द शान्ति सिखाऊँगा। मैं उन सभी लोगों को शान्ति दूँगा जो मेरे पास हैं और उन लोगों को जो मुझ से दूर हैं। मैं उन सभी लोगों को चंगा (क्षमा) करूँगा!” ने ये सभी बातें बतायी थी।
यहोवा ने यह भी कहा: “इस्राएल के अविश्वासी लोगों, तुम मेरे पास लौट आओ। मेरे पास लौटो, और मैं तुम्हारे अविश्वासी होने के अपराध को क्षमा करूँगा।” लोगों को कहना चाहिये, “हाँ, हम लोग तेरे पास आएँगे तू हमारा परमेश्वर यहोवा है।
वे मुझे प्रसन्न करेंगे। मैं उनका भला करने में आनन्दित होऊँगा और मैं, निश्चय ही, उन्हें इस धरती में बसाऊँगा और उन्हें बढ़ाऊँगा। यह मैं अपने पूरे हृदय और आत्मा से करूँगा।’”
आओ, यहोवा के विषय में जानकारी करें। आओ, यहोवा को जानने का कठिन जतन करें। हमको इसका पता है कि वह आ रहा है वैसे ही जैसे हम को ज्ञान है कि प्रभात आ रहा है। यहोवा हमारे पास वैसे ही आयेगा जैसे कि बसंत कि वह वर्षा आती है जो धरती को सींचती है।
तेरे समान कोई परमेश्वर नहीं है। तू पापी जनों को क्षमा कर देता है। तू अपने बचे हुये लोगों के पापों को क्षमा करता है। यहोवा सदा ही क्रोधित नहीं रहेगा, क्योंकि उसको दयालु ही रहना भाता है।