8 पहाड़ पर जाओ; वहां से इमारती लकड़ी लाओ और मेरे भवन को बनाओ। तब मैं भवन को देखकर प्रसन्न होऊंगा, और अपनी महिमा प्रकट करूंगा। मैं-प्रभु तुमसे यह कह रहा हूं:
तब उन लोगों ने जो बन्धुवाई से छूट कर आये थे, संगतराशों और बढ़ईयों को धन दिया और उन लोगों ने उन्हें भोजन, दाखमधु और जैतून का तेल दिया। उन्होंने इन चीजों का उपयोग सोर और सीदोन के लोगों को लबानोन से देवदार के लट्ठों को लाने के लिये भुगतान करने में किया। वे लोग चाहते थे कि जापा नगर के समुद्री तट पर लट्ठों को जहाजों द्वारा ले आएँ। जैसा कि सुलैमान ने किया था जब उसने पहले मन्दिर को बनाया था। फारस के राजा कुस्रू ने यह करने के लिये उन्हें स्वीकृति दे दी।
मैं सभी राष्ट्रों को कंपा दूंगा और वे सभी राष्ट्र अपनी सम्पत्ति के साथ तुम्हारे पास आएंगे। तब मैं इस मंदिर को गौरव से भर दूंगा!’ सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है।
यहोवा ने उससे कहा: “मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुनी। मैंने तुम्हारे निवेदन भी सुने जो तुम मुझसे करवाना चाहते हो। तुमने इस मन्दिर को बनाया और मैंने इसे एक पवित्र स्थान बनाया है। अतः यहाँ मेरा सदैव सम्मान होगा। मैं इस पर अपनी दृष्टि रखूँगा और इसके विषय में सदैव ध्यान रखूँगा।
‘इस मंदिर का पर्वर्ती गौरव प्रथम मंदिर के गौरव से बढ़कर होगा।’ सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है, ‘और इस स्थान पर मैं शान्ति स्थापित करूँगा।’” सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है!
लबानोन की सभी महावस्तुएं तुझको अर्पित की जायेंगी। लोग तेरे पास देवदार, तालीशपत्र और सरों के पेड़ लायेंगे। यह स्थान मेरे सिहांसन के सामने एक चौकी सा होगा और मैं इसको बहुत मान दूँगा।
केदार की भेड़ें इकट्ठी की जायेंगी और तुझको दे दी जायेंगी। नबायोत के मेढ़े तेरे लिये लाये जायेंगे। वे मेरी वेदी पर स्वीकर करने के लायक बलियाँ बनेंगे और मैं अपने अद्भुत मन्दिर और अधिक सुन्दर बनाऊँगा।
इसके परकोटे में विशाल पत्थरों की तीन कतारें और विशाल लकड़ी के शहतीरों की एक कतार होनी चाहिए। मन्दिर को बनाने का व्यय राजा के खज़ाने से किया जाना चाहिये।
तब सुलैमान ने मन्दिर बनाना आरम्भ किया। यह इस्राएल के लोगों द्वारा मिस्र छोड़ने के चार सौ अस्सीवाँ वर्ष बाद था। यह राजा सुलैमान के इस्राएल पर शासन के चौथे वर्ष में था। यह वर्ष के दूसरे महीने जिव के माह में था।
अब तुम अपने हृदय और आत्मा को अपने यहोवा परमेश्वर को समर्पित कर दो और वह जो कहे, करो। यहोवा परमेश्वर का पवित्र स्थान बनाओ। यहोवा के नाम के लिये मन्दिर बनाओ। तब साक्षिपत्र का सन्दूक तथा अन्य सभी पवित्र चीजें मन्दिर में लाओ।”