Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




सभोपदेशक 7:5 - पवित्र बाइबल

5 विवेकी से निन्दित होना उत्तम होता है, अपेक्षाकृत इसके कि मूर्ख से प्रशंसित हो।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

5 मूर्खों के गीत सुनने से बुद्धिमान की घुड़की सुनना उत्तम है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

5 मूर्खों के मुख से गीत सुनने की अपेक्षा बुद्धिमान की डांट-डपट सुनना अच्‍छा है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

5 मूर्खों के गीत सुनने से बुद्धिमान की घुड़की सुनना उत्तम है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

5 मूर्खों के गीत सुनने की अपेक्षा बुद्धिमान की घुड़की सुनना उत्तम है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

5 एक बुद्धिमान की फटकार सुनना मूर्खों के गीतों को सुनने से बेहतर है.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




सभोपदेशक 7:5
14 क्रॉस रेफरेंस  

सज्जन मेरा सुधार कर सकता है। तेरे भक्त जन मेरे दोष कहे, यह मेरे लिये भला होगा। मैं दुर्जनों कि प्रशंसा ग्रहण नहीं करुँगा। क्यों क्योंकि मैं सदा प्रार्थना किया करता हूँ। उन कुकर्मो के विरुद्ध जिनको बुरे लोग किया करते हैं।


वे जनता के बीच मेरी चर्चायें करतें, और पियक्कड़ मेरे गीत रचा करते हैं।


जो जन शिक्षा का अनादर करता है, उसको इसका मूल्य चुकाना पड़ेगा। किन्तु जो शिक्षा का आदर करता है, वह तो इसका प्रतिफल पाता है।


ऐसा मनुष्य जो शिक्षा की उपेक्षा करता है, उसपर लज्जा और दरिद्रता आ पड़ती है, किन्तु जो शिक्षा पर कान देता है, वह आदर पाता है।


विवेकी को धमकाना उतना ही प्रभावित करता है जितना मूर्ख को सौ—सौ कोड़े भी नहीं करते।


जो कान बुद्धिमान की झिड़की सुनता है, वह उसके कान के लिये सोने की बाली या कुन्दन की आभूषण बन जाता है।


हो सकता है मित्र कभी दुःखी करें, किन्तु ये उसका लक्ष्य नहीं है। इससे शत्रु भिन्न है। वह चाहे तुम पर दया करे किन्तु वह तुम्हें हानि पहुँचाना चाहता है।


क्योंकि ये आज्ञाएँ दीपक हैं और यह शिक्षा एक ज्योति है। अनुशासन के सुधार तो जीवन का मार्ग है।


हँसी उड़ानेवाले को तुम कभी मत डाँटो, नहीं तो वह तुमसे ही घृणा करने लगेगा। किन्तु यदि तुम किसी विवेकी को डाँटो, तो वह तुमसे प्रेम ही करेगा।


विवेकी पुरुषों के वचन उन नुकीली छड़ियों के जैसे होते हैं जिनका उपयोग पशुओं को उचित मार्ग पर चलाने के लिये किया जाता है। ये उपदेशक उन मज़बूत खूँटों के समान होते हैं जो कभी टूटते नहीं। जीवन का उचित मार्ग दिखाने के लिये तुम इन उपदेशकों पर विश्वास कर सकते हो। वे सभी विवेक पूर्ण शिक्षायें उसी गड़रिये (परमेश्वर) से आतीं है।


विवेकी मनुष्य तो सोचता है मृत्यु की किन्तु मूर्ख जन तो बस सोचते रहते हैं कि गुजरे समय अच्छा।


धीरे से बोले गये, विवेकी के थोड़े से शब्द अधिक उत्तम होते हैं, अपेक्षाकृत उन ऐसे शब्दों को जिन्हें मूर्ख शासक ऊँची आवाज में बोलता है।


“उन सभी को जिन्हें मैं प्रेम करता हूँ, मैं डाँटता हूँ और अनुशासित करता हूँ। तो फिर कठिन जतन और मनफिराव कर।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों