14 तब केवल भेड़ें और जंगली जानवर उस बर्बाद नगर में रहेंगे। उल्लू और कौवे उन स्तम्भों पर बैठेंगे जो खड़े छोड़ दिये गए हैं। उनकी ध्वनि खिड़कियों से आती सुनाई पड़ेगी। कौवे द्वारों की सीढ़ियों पर बैठेंगे। उन सूने घरों में काले पक्षी बैठेंगे।
14 उसके बीच में सब जाति के वनपशु झुंड के झुंड बैठेंगे; उसके खम्भों की कंगनियों पर धनेश और साही दोनों रात को बसेरा करेंगे और उसकी खिड़कियों में बोला करेंगे; उसकी डेवढिय़ां सूनी पड़ी रहेंगी, और देवदार की लकड़ी उघारी जाएगी।
14 पशुओं के झुण्ड, जाति-जाति के पशु नगर के मध्य पड़े रहेंगे। धनेश और साही पक्षी खम्भों के शीर्ष में बसेरा करेंगे। खिड़कियों में उल्लू हू-हू बोलेंगे। ड्योढ़ियों में कौवे कांव-कांव करेंगे। देवदार की कीमती लकड़ी में कीड़े लगेंगे।
14 उसके बीच में सब जाति के वनपशु झुंड के झुंड बैठेंगे; उसके खम्भों की कंगनियों पर धनेश और साही दोनों रात को बसेरा करेंगे और उसकी खिड़कियों में बोला करेंगे; उसकी डेवढ़ियाँ सूनी पड़ी रहेंगी, और देवदार की लकड़ी उघारी जाएगी।
14 पशु और पक्षी के झुंड और सब प्रकार के जीव-जन्तु वहां आराम करेंगे. उसके खंभों पर मरुस्थल उल्लू और चीखनेवाला उल्लू बसेरा करेंगे. खिड़कियों में से उन उल्लुओं की आवाज सुनाई देगी, पत्थर के टुकड़ों से रास्ता भर जाएगा, देवदार लकड़ी के बल्लों को खुला छोड़ दिया जाएगा.
14 उसके बीच में सब जाति के वन पशु झुण्ड के झुण्ड बैठेंगे; उसके खम्भों की कँगनियों पर धनेश और साही दोनों रात को बसेरा करेंगे और उसकी खिड़कियों में बोला करेंगे; उसकी डेवढ़ियाँ सूनी पड़ी रहेंगी, और देवदार की लकड़ी उघाड़ी जाएगी।
मैंने अपने स्वामी को दर्शन के सामने खड़ा देखा। उसने कहा, “स्तम्भों के सिरे पर प्रहार करो, और पूरी इमारत की देहली तक काँप उठेगी। स्तम्भों को लोगों के सिर पर गिराओ। यदि कोई जीवित बचेगा, सो उसे तलवार से मारो। कोई व्यक्ति भाग सकता है, किन्तु वह बच नहीं सकेगा। लोगों में से कोई भी व्यक्ति बचकर नहीं निकलेगा।
यहोयाकीम कहता है, “मैं अपने लिये एक विशाल महल बनाऊँगा। मैं दूसरी मंजिल पर विशाल कमरे बनाऊँगा।” अत: वह विशाल खिड़कियों वाला महल बना रहा है। वह देवदार के फलकों को दीवारों पर मढ़ रहा है और इन पर लाल रंग चढ़ा रहा है।
शक्तिशाली स्वर से पुकारते हुए वह बोला: “वह मिट गयी, बाबुल नगरी मिट गयी। वह दानवों का आवास बन गयी थी। हर किसी दुष्टात्मा का वह बसेरा बन गयी थी। हर किसी घृणित पक्षी का वह बसेरा बन गयी थी! हर किसी अपवित्र, निन्दा योग्य पशु का।
यहोवा ने कहा था, “मैं बाबुल को बदल डालूँगा। उस स्थान में पशुओं का वास होगा, न कि मनुष्यों का। वह स्थान दलदली प्रदेश बन जायेगा। मैं ‘विनाश की झाडू’ से बाबुल को बाहर कर दूँगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कही थीं।