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व्यवस्थाविवरण 8:2 - पवित्र बाइबल

2 और तुम्हें उस लम्बी यात्रा को याद रखना है जिसे यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने मरुभूमि में चालीस वर्ष तक काराई है। यहोवा तुम्हारी परीक्षा ले रहा था। वह तुम्हें विनम्र बनाना चाहता था। वह चाहता था कि वह तुम्हारे हृदय की बात जाने कि तुम उसके आदेशों का पालन करोगे या नहीं।

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Hindi Holy Bible

2 और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिये ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा करके यह जान ले कि तेरे मन में क्या क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा वा नहीं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 तू उन सब मार्गों को स्‍मरण करना, जिन पर तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझे चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में ले गया, जिससे वह तुझे पीड़ित करे और यह जानने के लिए तेरी परीक्षा ले, कि तेरे हृदय में क्‍या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा अथवा नहीं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 और स्मरण रख कि तेरा परमेश्‍वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिये ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा करके यह जान ले कि तेरे मन में क्या क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा या नहीं।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 उस पूरे मार्ग को कभी न भुलाना, जिस पर तुम्हें याहवेह तुम्हारे परमेश्वर इन चालीस सालों में निर्जन प्रदेश से होते हुए लेकर आए हैं, कि वह इसके द्वारा तुम्हें नम्र बना सकें. वह तुम्हें परखते रहे, कि तुम्हारे हृदय की थाह ले सकें. कि तुम उनके आदेशों का पालन करोगे भी या नहीं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

2 और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिए ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा करके यह जान ले कि तेरे मन में क्या-क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा या नहीं।

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व्यवस्थाविवरण 8:2
46 क्रॉस रेफरेंस  

इन बातों के बाद परमेश्वर ने इब्राहीम के विश्वास की परीक्षा लेना तय किया। परमेश्वर ने उससे कहा, “इब्राहीम!” और इब्राहीम ने कहा, “हाँ।”


किसी समय बाबुल के प्रमुखों ने हिजकिय्याह के पास दूत भेजे। उन दूतों ने एक विचित्र दृश्य के विषय में पूछा जो राष्ट्रों में प्रकट हुआ था। जब वे आए तो परमेश्वर ने हिजकिय्याह को अकेले छोड़ दिया जिससे कि वह अपनी जाँच कर सके औऱ वह सब कुछ जान सके जो हिजकिय्याह के हृदय में था।


मनश्शे को कष्ट हुआ। उस समय उसने यहोवा अपने परमेश्वर से याचना की। मनश्शे ने स्वयं को अपने पूर्वजों के परमेश्वर के सामने विनम्र बनाया।


मनश्शे ने कैसे प्रार्थना की और परमेश्वर ने वह कैसे सुनी और उस पर दया की, यह दृष्टाओं की पुस्तक में लिखा है। मनश्शे के सभी पाप और बुराईयाँ जो उसने स्वयं को विनम्र करने से पूर्व कीं और वे स्थान जहाँ उसने उच्च स्थान बनाए और अशेरा—स्तम्भ खड़े किये, दृष्टाओं की पुस्तक में लिखे हैं।


तू बहुत ही दयालु है! इसलिये तूने उन्हें मरुस्थल में त्यागा नहीं। दूर उनसे हटाया नहीं दिन में तूने बादल के खम्भें को मार्ग तू दिखाता रहा उनको। और रात में तूने था दूर किया नहीं उनसे अग्नि के पुंज को! प्रकाशित तू करता रहा रास्ते को उनके। और तू दिखाता रहा कहाँ उन्हें जाना है!


परमेश्वर लोगों को बुरी बातों को करने से रोकने को सावधान करता है, और उन्हें अहंकारी बनने से रोकने को।


हे मेरी आत्मा, यहोवा को धन्य कह और मत भूल की वह सचमुच कृपालु है!


हे यहोवा, मिस्र में हमारे पूर्वजों ने आश्चर्य कर्मो से कुछ भी नहीं सीखा। उन्होंने तेरे प्रेम को और तेरी करूणा को याद नहीं रखा। हमारे पूर्वज वहाँ लाल सागर के किनारे तेरे विरूद्ध हुए।


परमेश्वर ने अपने निज भक्तों को मरुस्थल में राह दिखाई। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।


याद करो वे शाक्ति भरे काम जिनको यहोवा ने किये। हे परमेश्वर, जो काम तूने बहुत समय पहले किये मुझको याद है।


जब तुम विपति में थे तुमने सहायता को पुकारा और मैंने तुम्हें छुड़ाया। मैं तुफानी बादलों में छिपा हुआ था और मैंने तुमको उत्तर दिया। मैंने तुम्हें मरिबा के जल के पास परखा।”


मूसा ने यहोवा को पुकारा। इसलिए यहोवा ने उसे एक पेड़ दिखाया। मूसा ने पेड़ को पानी में डाला। जब उसने ऐसा किया, पानी अच्छा पीने योग्य हो गया। उस स्थान पर यहोवा ने लोगों की परीक्षा ली और उन्हें एक नियम दिया। यहोवा ने लोगों के विश्वास की जाँच की।


लोगों ने चालीस वर्ष तक मन्ना खाया। वे मन्ना तब तक खाते रहे जब तक उस प्रदेश में नहीं आ गए जहाँ उन्हें बसना था। वे उसे तब तक खाते रहे जब तक वे कनान के निकट नहीं आ गए।


तब यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं आकाश से भोजन गिराऊँगा। वह भोजन तुम लोगों के खाने के लिए होगा। हर एक दिन लोग बाहर जायें और उस दिन खाने की जरूरत के लिए भोजन इकट्ठा करें। मैं यह इसलिए करूँगा कि मैं देखूँ कि क्या लोग वही करेंगे जो मैं करने को कहूँगा।


तब मूसा ने लोगों से कहा, “डरो मत! यहोवा यह प्रमाणित करने आया है कि वह तुमसे प्रेम करता है।”


जैसे चाँदी और सोने को परखने शोधने कुठाली और आग की भट्टी होती है वैसे ही यहोवा हृदय को परखता शोधता है।


उस समय, लोग अहंकार करना छोड़ देंगे। वे लोग जो अब अहंकारी हैं, धरती पर नीचे झुका दिए जायेंगे। फिर उस समय केवल यहोवा ही ऊँचे विराजमान होगा।


तुम्हारे पूर्वजों ने यह नहीं कहा, ‘यहोवा ने हमें मिस्र से निकाला। यहोवा ने मरुभूमि में हमारा नेतृत्व किया। यहोवा हमे सूखे चट्टानी प्रदेश से लेकर आया, यहोवा ने हमें अन्धकारपूर्ण और भयपूर्ण देशों में राह दिखाई। कोई भी लोग वहाँ नहीं रहते कोई भी लोग उस देश से यात्रा नहीं करते। लेकिन यहोवा ने उस प्रदेश में हमारा नेतृत्व किया। अत: वह यहोवा अब कहाँ हैं?’


मैं यहोवा हूँ। मैं तुम्हारा परमेश्वर हूँ। मेरे नियमों का पालन करो। मेरे आदेशों को मानो। वह काम करो जो मैं कहूँ।


“वह मैं ही था जो तुम्हें मिस्र देश से निकाल कर लाया। चालीस वर्ष तक मैं तुम्हें मरूभूमि से होकर लाया। मैंने तुम्हें एमोरियों की भूमि पर कब्जा कर लेने में सहायता दी।


“तुम्हारे बच्चे यहाँ मरुभूमि में चालीस वर्ष तक गड़ेरिए रहेंगे। उनको यह कष्ट होगा क्योंकि तुम लोगों ने विश्वास नहीं किया। वे इस मरुभूमि में तब तक रहेंगे जब तक तुम सभी यहाँ मर नहीं जाओगे। तब तुम सबके शरीर इस मरुभूमि में दफन हो जाएंगे।


मैं तुम्हें बताता हूँ, यही मनुष्य नेक ठहराया जाकर अपने घर लौटा, न कि वह दूसरा। क्योंकि हर वह व्यक्ति जो अपने आप को बड़ा समझेगा, उसे छोटा बना दिया जायेगा और जो अपने आप को दीन मानेगा, उसे बड़ा बना दिया जायेगा।”


उसे इस बात की कोई जरूरत नहीं थी कि कोई आकर उसे लोगों के बारे में बताए, क्योंकि लोगों के मन में क्या है, इसे वह जानता था।


किन्तु जब मूसा ने इस्राएल के लोगों को इस स्थान पर सन्देश दिया तब इस्राएल के लोगों को मिस्र छोड़े चालीस वर्ष हो चुके थे। यह चालीस वर्ष के ग्यारहवें महीने का पहला दिन था, जब मूसा ने लोगों से बातें कीं तब उसने उनसे वही बातें कहीं जो यहोवा ने उसे कहने का आदेश दिया था।


जब तुम यात्रा कर रहे थे तब वह तुम्हारे आगे तुम्हारे डेरे डालने के लिए जगह खोजने गया। तुम्हें यह बताने के लिए कि तुम्हें किस राह जाना है वह रात को आग में और दिन को बादल में चला।


उस व्यक्ति की बातों पर ध्यान मत दो। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारी परीक्षा ले रहा है। वह यह जानना चाहता है कि तुम पूरे हृदय और आत्मा से उस से प्रेम करते हो अथवा नहीं।


यह याद रखो कि यहोवा तुम्हारे परमेश्वर, ने तुमको तुमने जो कुछ भी किया उन सभी के लिए आशीर्वाद दिया। वह इस विस्तृत मरुभूमि से तुम्हारा गुजरना जानता है। यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर इन चालीस वर्षों में तुम्हारे साथ रहा है। तुम्हें वे सभी चीजें मिली हैं जिनकी तुम्हें आवश्यकता थी।’


यहोवा तुम्हें चालीस वर्ष तक मरुभूमि से होकर ले जाता रहा और उस लम्बे समय के बीच तुम्हारे वस्त्र और जूते फटकर खत्म नहीं हुए।


“याद करो बीते हुए दिनों को सोचो बीती पीढ़ीयों के वर्षों को, पूछो वृद्ध पिता से, वही कहेंगे पूछो अपने प्रमुखों से; वही कहेंगे।


तुम्हें उनसे डरना नहीं चाहिए। तुम्हें वह याद रखना चाहिए जो परमेशवर, तुम्हारे यहोवा ने फिरौन और मिस्र के लोगों के साथ किया।


मरुभूमि में यहोवा ने तुम्हें मन्ना खिलाया, ऐसी चीज जिसे तुम्हारे पूर्वज कभी नहीं जान सके। यहोवा ने तुम्हारी परिक्षा ली। क्यों? क्योंकि यहोवा तुमको विनम्र बनाना चाहता था। वह चाहता था कि अन्ततः तुम्हारा भला हो।


क्योंकि तुम यह जानते हो कि तुम्हारा विश्वास जब परीक्षा में सफल होता है तो उससे धैर्यपूर्ण सहन शक्ति उत्पन्न होती है।


प्रभु के सामने दीन बनो। वह तुम्हें ऊँचा उठाएगा।


किन्तु परमेश्वर ने हम पर अत्यधिक अनुग्रह दर्शाया है, इसलिए शास्त्र में कहा गया है, “परमेश्वर अभिमानियों का विरोधी है, जबकि दीन जनों पर अपनी अनुग्रह दर्शाता है।”


ताकि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास जो आग में परखे हुए सोने से भी अधिक मूल्यवान है, उसे जब यीशु मसीह प्रकट होगा तब परमेश्वर से प्रशंसा, महिमा और आदर प्राप्त हो।


मैं महामारी से उसके बच्चों को मार डालूँगा और सभी कलीसियाओं को यह पता चल जाएगा कि मैं वही हूँ जो लोगों के मन और उनकी बुद्धि को जानता है। मैं तुम सब लोगों को तुम्हारे कर्मो के अनुसार दूँगा।


मैं उन राष्ट्रों का उपयोग इस्राएल के लोगों की परीक्षा के लिये करूँगा। मैं यह देखूँगा कि इस्राएल के लोग अपने यहोवा का आदेश वैसे ही मानते हैं अथवा नहीं जैसे उनके पूर्वज मानते थे।”


यहोवा ने उन राष्ट्रों को इस्राएल के लोगों की परीक्षा के लिये उस प्रदेश में रहने दिया। वह यह देखना चाहता था कि इस्राएल के लोग यहोवा के उन आदेशों का पालन करेंगे अथवा नहीं, जिन्हें उसने मूसा द्वारा उनके पूर्वजों को दिया था।


हमारे पर का पालन करें:

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