16 मरुभूमि में यहोवा ने तुम्हें मन्ना खिलाया, ऐसी चीज जिसे तुम्हारे पूर्वज कभी नहीं जान सके। यहोवा ने तुम्हारी परिक्षा ली। क्यों? क्योंकि यहोवा तुमको विनम्र बनाना चाहता था। वह चाहता था कि अन्ततः तुम्हारा भला हो।
16 उसने निर्जन प्रदेश में तुझे “मन्ना” खिलाया था जिसको तेरे पूर्वज नहीं जानते थे। उसने तुझे पीड़ित किया, तुझे कसौटी पर कसा था, कि अन्त में तेरा भला करे।
16 निर्जन प्रदेश में उन्होंने तुम्हें मन्ना का भोजन दिया, जो तुम्हारे पूर्वज जानते भी न थे, कि वे तुम्हें नम्र बना दें, कि वह तुम्हारी जांच करें, कि इससे अंततः तुम्हारा ही भला हो.
यहोवा ने तुमको विनम्र बनाया और तुम्हें भूखा रहने दिया। तब उसने तुम्हें मन्ना खिलाया, जिसे तुम पहले से नहीं जानते थे, जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने कभी नहीं देखा था। यहोवा ने यह क्यों किया? क्योंकि वह चाहता था कि तुम जानो कि केवल रोटी ही ऐसी नहीं है जो लोगों को जीवित रखती है। लोगों का जीवन यहोवा के वचन पर आधारित है।
वह व्यक्ति धन्य है जो परीक्षा में अटल रहता है क्योंकि परीक्षा में खरा उतरने के बाद वह जीवन के उस विजय मुकुट को धारण करेगा, जिसे परमेश्वर ने अपने प्रेम करने वालों को देने का वचन दिया है।
इस्राएल के लोगों ने इसे देखा और परस्पर कहा, “वह क्या है?” उन्होंने यह प्रश्न इसलिए पूछा कि वे नहीं जानते थे कि वह क्या चीज है। इसलिए मूसा ने उनसे कहा, “यह भोजन है जिसे यहोवा तुम्हें खाने को दे रहा है।
ताकि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास जो आग में परखे हुए सोने से भी अधिक मूल्यवान है, उसे जब यीशु मसीह प्रकट होगा तब परमेश्वर से प्रशंसा, महिमा और आदर प्राप्त हो।
और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।
मूसा ने यहोवा को पुकारा। इसलिए यहोवा ने उसे एक पेड़ दिखाया। मूसा ने पेड़ को पानी में डाला। जब उसने ऐसा किया, पानी अच्छा पीने योग्य हो गया। उस स्थान पर यहोवा ने लोगों की परीक्षा ली और उन्हें एक नियम दिया। यहोवा ने लोगों के विश्वास की जाँच की।
तब यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं आकाश से भोजन गिराऊँगा। वह भोजन तुम लोगों के खाने के लिए होगा। हर एक दिन लोग बाहर जायें और उस दिन खाने की जरूरत के लिए भोजन इकट्ठा करें। मैं यह इसलिए करूँगा कि मैं देखूँ कि क्या लोग वही करेंगे जो मैं करने को कहूँगा।
और तुम्हें उस लम्बी यात्रा को याद रखना है जिसे यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने मरुभूमि में चालीस वर्ष तक काराई है। यहोवा तुम्हारी परीक्षा ले रहा था। वह तुम्हें विनम्र बनाना चाहता था। वह चाहता था कि वह तुम्हारे हृदय की बात जाने कि तुम उसके आदेशों का पालन करोगे या नहीं।
उस व्यक्ति की बातों पर ध्यान मत दो। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारी परीक्षा ले रहा है। वह यह जानना चाहता है कि तुम पूरे हृदय और आत्मा से उस से प्रेम करते हो अथवा नहीं।
किसी समय बाबुल के प्रमुखों ने हिजकिय्याह के पास दूत भेजे। उन दूतों ने एक विचित्र दृश्य के विषय में पूछा जो राष्ट्रों में प्रकट हुआ था। जब वे आए तो परमेश्वर ने हिजकिय्याह को अकेले छोड़ दिया जिससे कि वह अपनी जाँच कर सके औऱ वह सब कुछ जान सके जो हिजकिय्याह के हृदय में था।
कुछ विवेकपूर्ण यहोदी मार दिये जायेंगे। ऐसा इसलिये होगा कि वे और अधिक सुदृढ़ बनें, स्वच्छ बनें और अंत समय के आने तक निर्दोष रहें। फिर ठीक समय पर अंत होने का समय आ जायेगा।”
यहोवा ने अय्यूब के जीवन के पहले भाग से भी अधिक उसके जीवन के पिछले भाग को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। अय्यूब के पास चौदह हजार भेड़ें छ: हजार ऊँट, दो हजार बैल तथा एक हजार गधियाँ हो गयीं।