व्यवस्थाविवरण 31:21 - पवित्र बाइबल21 तब उन पर भयंकर आपत्तियाँ आएंगी और वे बड़ी मुसीबत में होंगे। उस समय उनके लोग इस गीत को तब भी जानेंगे और यह उन्हें बताएगा कि वे कितनी बड़ी गलती पर हैं। मैंने अभी तक उनको उस देश में नहीं पहुँचाया है जिसे उन्हें देने का वचन मैंने दिया है। किन्तु मैं पहले से ही जानता हूँ कि वे वहाँ क्या करने वाले हैं, क्योंकि मैं उनकी प्रकृति से परिचित हूँ।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible21 वरन अभी भी जब मैं इन्हें इस देश में जिसके विषय मैं ने शपथ खाई है पहुंचा नहीं चुका, मुझे मालूम है, कि ये क्या क्या कल्पना कर रहे हैं; इसलिये जब बहुत सी विपत्तियां और क्लेश इन पर आ पड़ेंगे, तब यह गीत इन पर साक्षी देगा, क्योंकि इनकी सन्तान इस को कभी भी नहीं भूलेगी। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)21 जब उन पर विपत्तियों और कष्टों का पहाड़ टूट पड़ेगा, तब यह गीत उनके विरुद्ध साक्षी देगा! (क्योंकि उनके वंशज भी इस गीत को कभी विस्मृत नहीं कर सकेंगे) इस देश में, जिसको प्रदान करने की शपथ मैंने खाई थी, उनके प्रवेश करने के पूर्व से मैं उनकी योजनाओं को, जो ये बना रहे हैं, जानता हूँ।’ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)21 वरन् अभी भी जब मैं इन्हें उस देश में जिसके विषय मैं ने शपथ खाई है, पहुँचा नहीं चुका, मुझे मालूम है कि ये क्या क्या कल्पना कर रहे हैं; इसलिये जब बहुत सी विपत्तियाँ और क्लेश इन पर आ पड़ेंगे, तब यह गीत इन पर साक्षी देगा, क्योंकि इनकी सन्तान इसको कभी भी नहीं भूलेगी।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल21 फिर होगा यह कि अनेक विपत्तियां और आपदाएं उन्हें छा लेंगी, तब यह गीत उनके सामने एक गवाह हो जाएगा, क्योंकि उनके वंशज इस गीत को भुला न पाएंगे. मुझे तो आज ही यह मालूम है कि कौन सी योजना उनके मन में अंकुरित हो रही है, जबकि अभी तक मैंने उन्हें पराए देश में प्रवेश नहीं करवाया है.” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201921 वरन् अभी भी जब मैं इन्हें उस देश में जिसके विषय मैंने शपथ खाई है पहुँचा नहीं चुका, मुझे मालूम है, कि ये क्या-क्या कल्पना कर रहे हैं; इसलिए जब बहुत सी विपत्तियाँ और क्लेश इन पर आ पड़ेंगे, तब यह गीत इन पर साक्षी देगा, क्योंकि इनकी सन्तान इसको कभी भी नहीं भूलेगी।” अध्याय देखें |
“और मेरे पुत्र सुलैमान, तुम, अपने पिता के परमेश्वर को जानते हो। शुद्ध हृदय से परमेश्वर की सेवा करो। परमेश्वर की सेवा करने में अपने हृदय (मस्तिष्क) में प्रसन्न रहो। क्यों? क्योंकि यहोवा जानता है कि हर एक के हृदय (मस्तिष्क) में क्या है। हर बात जो सोचते हो, यहोवा जानता है। यदि तुम यहोवा के पास सहायता के लिये जाओगे, तो तुम्हें वह मिलेगी। किन्तु यदि उसको छोड़ते हो, तो वह तुमको सदा के लिये छोड़ देगा।
तब मूसा ने यहोशू को बुलाया। जिस समय मूसा यहोशू से बातें कर रहा था उस समय इस्राएल के सभी लोग देख रहे थे। जब मूसा ने यहोशू से कहा, “दृढ़ और साहसी बनो। तुम इन लोगों को उस देश में ले जाओगे जिसे यहोवा ने इनके पूर्वजों को देने का वचन दिया था। तुम इस्राएल के लोगों की सहायता उस देश को लेने और अपना बनाने में करोगे।