28 तब याहवेह ने अपने कोप और आक्रोश और उग्र क्रोध में उन्हें इस देश से उन्मूलित कर दिया है, और उन्हें अन्य देश में बिखरा दिया है, जैसा कि आज स्पष्ट ही है.”
तब यहोवा इस्राएल को चोट पहुँचायेगा। इस्राएल के लोग बहुत डर जायेंगे वे जल की लम्बी घास की तरह काँपेंगे। यहोवा इस्राएलियों को इस अच्छे प्रदेश से उखाड़ देगा। यह वही भूमि है जिसे उसने उनके पूर्वजों को दिया था। वह उनको फरात नदी की दूसरी ओर बिखेर देगा। यह होगा, क्योंकि यहोवा लोगों पर क्रोधित है। लोगों ने उसको तब क्रोधित किया जब उन्होंने अशेरा की पूजा के लिये विशेष स्तम्भ खड़े किये।
जब तक यहोवा ने इस्राएलियों को अपनी दृष्टि से दूर नहीं हटाया और यहोवा ने कहा कि यह होगा। लोगों को बताने के लिए कि यह होगा, उसने अपने नबियों को भेजा। इसलिए इस्राएली अपने देश से बाहर अश्शूर पहुँचाये गए और वे आज तक वहीं हैं।
अश्शूर के राजा ने, इस्राएल पर होशे के राज्यकाल के नवें वर्ष में, शोमरोन पर अधिकार जमाया। अश्शूर का राजा इस्राएलियों को बन्दी के रूप में अश्शूर को ले गया। उसने उन्हें हलह, हबोर नदी के तट पर गोजान और मदियों के नगरों में बसाया।
तब मैं इस्राएल के लोगों को अपने उस देश से बाहर करूँगा जिसे मैंने उन्हें दिया है। मैं इस मन्दिर को अपनी आँखों से दूर कर दूँगा। जिसे मैंने अपने नाम के लिये पवित्र बनाया है। मैं इस मन्दिर को ऐसा कुछ बनाऊँगा कि सभी राष्ट्र इसकी बुराई करेंगे।
हमारे पूर्वजों के समय से अब तक हम लोगों ने बहुत अधिक पाप किये हैं। हम लोगों ने पाप किये, इसलिये हम, हमारे राजा और हमारे याजक दण्डित हुए। हम लोग विदेशी राजाओं द्वारा तलवार से और बन्दीखाने में ठूंसे जाने तक दण्डित हुए हैं। वे राजा हमारा धन ले गए और हमें लज्जित किया। यह स्थिति आज भी वैसी ही है।
यदि तुम लोग यहूदा में रहोगे तो मैं तुम्हारा निर्माण करूँगा मैं तुम्हें नष्ट नहीं करूँगा। मैं तुम्हें रोपूँगा और मैं तुमको उखाड़ूँगा नहीं। मैं यह इसलिये करूँगा कि मैं उन भयंकर विपत्तियों के लिये दु:खी हूँ जिन्हें मैंने तुम लोगों पर घटित होने दीं।
किन्तु बेल को जड़ से उखाड़ दिया गया, और उसे भूमि पर फेंक दिया गया। गर्म पुरवाई हवा चली और उसके फलों को सुखा दिया शक्तिशाली शाखायें टूट गईं, और उन्हें आग में फेंक दिया गया।
वह गहन और छिपे रहस्यों का ज्ञाता है जो समझ पाना कठिन है। उसके संग प्रकाश बना रहता है, सो इसी से वह जानता है कि अंधेर में और रहस्य भरे स्थानों में क्या है!
“हे यहोवा, तू खरा है, और तुझमें नेकी है! जबकी आज हम लज्जित हैं। यरूशलेम और यहूदा के लोग लज्जित हैं—इस्राएल के सभी लोग लज्जित हैं। वे लोग जो निकट हैं और वे लोग जो बहुत दूर हैं। हे यहोवा! तूने उन लोगों को बहुत से देशों में फैला दिया। उन सभी देशों में बसे इस्राएल के लोगों को शर्म आनी चाहिये। हे यहोवा, उन सभी बुरी बातों के लिये, जो उन्होंने तेरे विरूद्ध की हैं, उन्हें लज्जित होना चाहिये।
“यहोवा तुम्हारे शत्रुओं द्वारा तुम्हें पराजित करायेगा। तुम अपने शत्रुओं के विरुद्ध एक रास्ते से जाओगे और उनके सामने से सात मार्ग से भागोगे। तुम्हारे ऊपर जो आपत्तियाँ आएँगी वे सारी पृथ्वी के लोगों को भयभीत करेंगी।
“यहोवा तुम्हें और तुम्हारे राजा को ऐसे राष्ट्र में भेजेगा जिसे तुम नहीं जानते होगे। तुमने और तुम्हारे पूर्वजों ने उस राष्ट्र को कभी नहीं देखा होगा। वहाँ तुम लकड़ी और पत्थर के बने अन्य देवताओं को पूजोगे।
यहोवा तुम्हें पृथ्वी के एक छोर से दूसरी छोर तक संसार के सभी लोगों मे बिखेर देगा। वहाँ तुम दूसरे लकड़ी और पत्थर के देवताओं को पूजोगे जिन्हें तुमने या तुम्हारे पूर्वजों ने कभी नहीं पूजा।
“जो मैंने कहा है वह तुम पर घटित होगा। तुम आशीर्वाद से अच्छी चीजें पाओगे और अभिशाप से बुरी चीज़ें पाओगे। यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दूसरे राष्ट्रों में भेजेगा। तब तुम इनके बारे में सोचोगे।
यहोवा ने हमें इन सभी उपदेशों के पालन का आदेश दिया। इस प्रकार हम लोग यहोवा, अपने परमेश्वर का सम्मान करते हैं। तब यहोवा सदा हम लोगों को जीवित रखेगा और हम अच्छा जीवन बिताएंगे जैसा इस समय है।
यहोवा अपने परमेश्वर को याद रखो। याद रखो कि वह ही एक है जो तुम्हें ये कार्य करने की शक्ति देता है। यहोवा ऐसा क्यों करता है? क्योंकि इन दिनों वह तुम्हारे पूर्वजों के साथ की गई वाचा को पूरा कर रहा है।