5 “वे लेवीवंशी अधिकारी सैनिकों से यह कहेंगे, ‘क्या यहाँ कोई ऐसा व्यक्ति है जिसने अपना नया घर बना लिया है, किन्तु अब तक उसे अर्पित नहीं किया है? उस व्यक्ति को अपने घर लौट जाना चाहिए। वह युद्ध में मारा जा सकता है और तब दूसरा व्यक्ति उसके घर को अर्पित करेगा।
5 फिर सरदार सिपाहियों से यह कहें, कि तुम में से कौन है जिसने नया घर बनाया हो और उसका समर्पण न किया हो? तो वह अपने घर को लौट जाए, कहीं ऐसा ना हो कि वह युद्ध में मर जाए और दूसरा मनुष्य उसका समर्पण करे।
5 ‘उसके बाद शास्त्री सैनिकों से कहेंगे, “ऐसा कौन व्यक्ति है, जिसने नया घर बनाया, पर उसका गृह-प्रवेश नहीं हुआ? वह अपने घर लौट जाए। ऐसा न हो कि वह युद्ध में मर जाए, और दूसरा व्यक्ति गृह-प्रवेश करे।
5 फिर सरदार सिपाहियों से यह कहें, ‘तुम में से कौन है जिसने नया घर बनाया हो और उसका समर्पण न किया हो? तो वह अपने घर को लौट जाए, कहीं ऐसा न हो कि वह युद्ध में मर जाए और दूसरा मनुष्य उसका समर्पण करे।
5 अधिकारी भी सैनिकों से यह कहें: “क्या तुममें से कोई ऐसा है, जिसने घर को नया नया बनाया है, और अब तक उसका समर्पण नहीं कर सका है? वह अपने घर को लौट जाए; नहीं तो उसकी मृत्यु के बाद कोई दूसरा व्यक्ति इसका समर्पण करेगा.
5 फिर सरदार सिपाहियों से यह कहें, ‘तुम में से कौन है जिसने नया घर बनाया हो और उसका समर्पण न किया हो? तो वह अपने घर को लौट जाए, कहीं ऐसा न हो कि वह युद्ध में मर जाए और दूसरा मनुष्य उसका समर्पण करे।
लोगों ने यरूशलेम की दीवार का समर्पण किया। उन्होंने सभी लेवियों को यरूशलेम में बुलाया। सो लेवी जिस किसी नगर में भी रह रहे थे, वहाँ से वे आये। यरूशलेम की दीवार के समर्पण को मनाने के लिए वे यरूशलेम आये। परमेश्वर को धन्यवाद देने और स्तुतिगीत गाने के लिए लेवीवंशी वहाँ आये। उन्होंने अपनी झाँझ, सारंगी और वीणाएँ बजाईं।
हे यहोवा, तूने मेरी विपत्तियों से मेरा उद्धार किया है। तूने मेरे शत्रुओं को मुझको हराने और मेरी हँसी उड़ाने नहीं दी। सो मैं तेरे प्रति आदर प्रकट करुँगा।
“इसलिए मैंने, तुम लोगों द्वारा अपने परिवार समूह से चुने गए बुद्धिमान और अनुभवी व्यक्तियों को लिया और उन्हें तुम्हार प्रमुख बनाया। मैंने उनमें से कुछ को हजार का, कुछ को सौ का, कुछ को पचास का और कुछ को दस का प्रमुख बनाया है। उनको मैंने तुम्हारे परिवार समूहों के लिए अधिकारी नियुक्त किया है।
“यहोवा तुम्हारा परमेश्वर जिन नगरों को तुम्हें दे रहा है उनमें से हर एक नगर में तुम्हें अपने परिवार समूह के लिए न्यायाधीश और अधिकारी बनाना चाहिए। इन न्यायाधीशों और अधिकारियों को जनता के साथ सही और ठीक न्याय करना चाहिए।
क्या कोई व्यक्ति यहाँ ऐसा है जिसने अंगूर के बाग लगाये हैं, किन्तु अभी तक उससे कोई अंगूर नहीं लिया है? उस व्यक्ति को घर लौट जाना चाहिए। यदि वह व्यक्ति युद्ध में मारा जाता है तो दूसरा व्यक्ति उसके बाग के फल का भोग करेगा।
पनीर की इन दस पिंडियों को भी एक हजार सैनिकों वाली अपने भाई की टुकड़ी के संचालक अधिकारी के लिये ले जाओ। देखो कि तुम्हारे भाई कैसे हैं। कुछ ऐसा लाओ जिससे मुझे पता चले कि तुम्हारे भाई ठीक—ठाक हैं।