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विलापगीत 3:32 - पवित्र बाइबल

32 यहोवा दण्ड देते हुए भी अपनी कृपा बनाये रखता है। वह अपने प्रेम और दया के कारण अपनी कृपा रखता है।

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Hindi Holy Bible

32 चाहे वह दु:ख भी दे, तौभी अपनी करुणा की बहुतायत के कारण वह दया भी करता है;

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

32 यद्यपि वह मनुष्‍य को दु:ख देता है, तथापि वह उस पर दया भी करता है; क्‍योंकि वह करुणा-सागर है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

32 चाहे वह दु:ख भी दे, तौभी अपनी करुणा की बहुतायत के कारण वह दया भी करता है;

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सरल हिन्दी बाइबल

32 यद्यपि वह पीड़ा के कारण तो हो जाते हैं, किंतु करुणा का सागर भी तो वही हैं, क्योंकि अथाह होता है उनका करुणा-प्रेम.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

32 चाहे वह दुःख भी दे, तो भी अपनी करुणा की बहुतायत के कारण वह दया भी करता है;

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विलापगीत 3:32
15 क्रॉस रेफरेंस  

किन्तु यहोवा इस्राएलियों पर दयालु था। यहोवा को दया आई और वह इस्रालियों की ओर हुआ। क्यों क्योंकि इब्राहीम, इसहाक और याकूब के साथ अपनी वाचा के कारण, यहोवा इस्राएलियों को अभी नष्ट करने के लिये तैयार नहीं था। उसने अभी तक उन्हें अपने से दूर नहीं फेंका था।


अपने भक्तों पर परमेश्वर का प्रेम वैसे महान है जैसे धरती पर है ऊँचा उठा आकाश।


यहोवा क्रोधित हुआ, सो निर्णय हुआ “मृत्यु।” किन्तु उसने अपना प्रेम प्रकट किया और मुझे “जीवन” दिया। मैं रात को रोते बिलखाते सोया। अगली सुबह मैं गाता हुआ प्रसन्न था।


किन्तु परमेश्वर करूणापूर्ण था। उसने उन्हें उनके पापों के लिये क्षमा किया, और उसने उनका विनाश नहीं किया। परमेश्वर ने अनेकों अवसर पर अपना क्रोध रोका। परमेश्वर ने अपने को अति कुपित होने नहीं दिया।


लम्बा समय बीता और मिस्र का राजा मर गया। इस्राएली लोगों को जब भी कठिन परिश्रम करने के लिए विवश किया जाता था। वे सहायता के लिए पुकारते थे और परमेशवर ने उनकी पुकार सुनी।


तब यहोवा ने कहा, “मैंने उन कष्टों को देखा है जिन्हें मिस्र में हमारे लोगों ने सहा है और मैंने उनका रोना भी सुना है जब मिस्री लोग उन्हें चोट पहुँचाते हैं। मैं उनकी पीड़ा के बारे में जानता हूँ।


यहोवा इस्राएल को दूर भेज कर उसके साथ अपना विवाद सुलझा लेगा। यहोवा ने इस्राएल को उस तेज हवा के झोंके सा उड़ा दिया जो रेगिस्तान की गर्म लू के समान होता है।


तेरा परमेश्वर कहता है, “मैंने तुझे थोड़े समय के लिये त्यागा था। किन्तु अब मैं तुझे फिर से अपने पास आऊँगा और अपनी महा करूणा तुझ पर दर्शाऊँगा।


परमेश्वर कहता है: “तुम जानते हो कि एप्रैम मेरा प्रिय पुत्र है। मैं उस बच्चे से प्यार करता हूँ। हाँ, मैं प्राय: एप्रैम के विरुद्ध बोलता हूँ, किन्तु फिर भी मैं उसे याद रखता हूँ। मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ। मैं सच ही, उसे आराम पहुँचाना चाहता हूँ।” यह सन्देश यहोवा का है।


यहोवा के प्रेम और करुणा का तो अत कभी नहीं होता। यहोवा की कृपाएं कभी समाप्त नहीं होती।


“हे एप्रैम, मैं तुझको त्याग देना नहीं चाहता हूँ। हे इस्राएल, मैं चाहता हूँ कि मैं तेरी रक्षा करूँ। मैं तुझको अदना सा कर देना नहीं चाहता हूँ! मैं नही चाहता हूँ कि तुझको सबोयीम सा बना दूँ! मैं अपना मन बदल रहा हूँ तेरे लिये प्रेम बहुत ही तीव्र है।


यहोवा ने यहूदा से यह बातें कहीं थी: “अश्शूर की जनता पूर्ण शक्तिशाली है। उनके पास बहुतेरे सैनिक हैं। किन्तु उन सब को ही काट फेंका जायेगा। सब का अंत किया जायेगा। हे मेरे लोगों, मैंने तुमको बहुतेरे कष्ट दिये किन्तु अब आगे तुम्हें और कष्ट नहीं दूँगा।


सो वह उठकर अपने पिता के पास चल दिया। “अभी वह पर्याप्त दूरी पर ही था कि उसके पिता ने उसे देख लिया और उसके पिता को उस पर बहुत दया आयी। सो दौड़ कर उसने उसे अपनी बाहों में समेट लिया और चूमा।


तब इस्राएल के लोगों ने अपने पास के विदेशी देवताओं को फेंक दिया। उन्होंने फिर से यहोवा की उपासना आरम्भ की। इसलिए जब यहोवा ने उन्हें कष्ट उठाते देखा, तब वह उनके लिए दुःखी हुआ।


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