लैव्यव्यवस्था 8:30 - पवित्र बाइबल30 मूसा ने अभिषेक का कुछ तेल और वेदी पर का कुछ खून लिया। मूसा ने उस में से थोड़ा हारून और उसके वस्त्रों पर छिड़का और कुछ हारुन के उन पुत्रों पर जो उसके साथ थे और कुछ उनके वस्त्रों पर छिड़का। इस प्रकार मूसा ने हारून, उसके वस्त्रों, उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों को पवित्र बनाया। अध्याय देखेंHindi Holy Bible30 और मूसा ने अभिषेक के तेल ओर वेदी पर के लोहू, दोनों में से कुछ ले कर हारून और उसके वस्त्रों पर, और उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर भी छिड़का; और उसने वस्त्रों समेत हारून को ओर वस्त्रों समेत उसके पुत्रों को भी पवित्र किया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)30 मूसा ने अभ्यंजन-तेल तथा वेदी पर रखा हुआ रक्त लिया और उन्हें हारून तथा उसकी पोशाक पर, उसके पुत्रों एवं उनकी पोशाकों पर छिड़का। इस प्रकार उन्होंने हारून तथा उसकी पोशाक और उसके पुत्रों एवं उनकी पोशाकों को पवित्र किया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)30 तब मूसा ने अभिषेक के तेल और वेदी पर के लहू, दोनों में से कुछ लेकर हारून और उसके वस्त्रों पर, और उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर भी छिड़का; और उसने वस्त्रों समेत हारून को भी पवित्र किया। अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल30 तब मूसा ने अभिषेक के तेल में से कुछ, और वेदी पर के लहू में से कुछ को लेकर हारून और उसके वस्त्रों पर, तथा उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर छिड़का। इस प्रकार उसने हारून और उसके वस्त्रों, तथा उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों को भी पवित्र किया। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल30 मोशेह ने अभिषेक के तेल और वेदी पर के रक्त में से कुछ रक्त लेकर इसे अहरोन, उनके वस्त्रों, उनके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर छिड़क दिया. इस प्रकार मोशेह ने अहरोन, उनके वस्त्रों, उनके पुत्रों और उनके पुत्रों के वस्त्रों को परम पवित्र किया. अध्याय देखें |
यहोवा का सेवक कहता है, “मेरे स्वामी यहोवा ने मुझमें अपनी आत्मा स्थापित की है। यहोवा मेरे साथ है, क्योंकि कुछ विशेष काम करने के लिये उसने मुझे चुना है। यहोवा ने मुझे इन कामों को करने के लिए चुना है: दीन दु:खी लोगों के लिए सुसमाचार की घोषणा करना; दु:खी लोगों को सुख देना; जो लोग बंधन में पड़े हैं, उनके लिये मुक्ति की घोषणा करना; बन्दी लोगों को उनके छुटकारे की सूचना देना;
सिय्योन के दु:खी लोगों को आदर देना (अभी तो उनके पास बस राख हैं); सिय्योन के लोगों को प्रसन्नता का स्नेह प्रदान करना; (अभी तो उनके पास बस दु:ख हैं) सिय्योन के लोगों को परमेश्वर की स्तुति के गीत प्रदान करना (अभी तो उनके पास बस उनके दर्द हैं); सिय्योन के लोगों को उत्सव के वस्त्र देना (अभी तो उनके पास बस उनके दु:ख ही हैं।) उन लोगों को ‘उत्तमता के वृक्ष’ का नाम देना; उन लोगों को यहोवा के अद्भुत वृक्ष की संज्ञा देना।”
किन्तु जहाँ तक तुम्हारी बात है, तुममें तो उस परम पवित्र से प्राप्त अभिषेक वर्तमान है, इसलिए तुम्हें तो आवश्यकता ही नहीं है कि कोई तुम्हें उपदेश दे, बल्कि तुम्हें तो वह आत्मा जिससे उस परम पवित्र ने तुम्हारा अभिषेक किया है, तुम्हें सब कुछ सिखाती है। (और याद रखो, वही सत्य है, वह मिथ्या नहीं है।) उसने तुम्हें जैसे सिखाया है, तुम मसीह में वैसे ही बने रहो।