35 और जितने दिन वह सूना पड़ा रहेगा उतने दिन उसको विश्राम रहेगा, अर्थात जो विश्राम उसको तुम्हारे वहां बसे रहने के समय तुम्हारे विश्रामकालों में न मिला होगा वह उसको तब मिलेगा।
35 जितने दिन वह सूना पड़ा रहेगा उतने दिन उसको विश्राम रहेगा, अर्थात् जो विश्राम उसको तुम्हारे वहाँ बसे रहने के समय तुम्हारे विश्रामकालों में न मिला होगा वह उसको तब मिलेगा।
“अत: जो यहोवा कहता है, वह यह है: ‘तुम लोगों ने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया है। तुमने अपने साथी यहूदियों को स्वतन्त्रता नहीं दी है। क्योंकि तुमने यह वाचा पूरी नहीं की है, इसलिये मैं स्वतन्त्रता दूँगा। यह यहोवा का सन्देश है। तलवार से, भयंकर बीमारी से और भूख से मारे जाने की स्वतन्त्रता मैं दूँगा। मैं तुम्हें कुछ ऐसा कर दूँगा कि जब वे तुम्हारे बारे में सुनेंगे तो पृथ्वी के सारे राज्य भयभीत हो उठेंगे।
“इस्राएल के लोगों से कहो, तुम लोग उस भूमि पर जाओगे जिसे मैं तुमको दे रहा हूँ। उस समय तुम्हें भूमि को आराम का विशेश समय देना चाहिए। यह यहोवा को सम्मान देने के लिए धरती के आराम का विशेष समय होगा।
बचे हुए व्यक्ति अपने शत्रुओं के देश में अपना साहस खो देंगे। वह हर चीज से भयभीत होंगे। वह हवा में उड़ती पत्ती की तरह चारों ओर भागेंगें। वे ऐसे भागेंगे मानों कोई तलवरा लिए उनका पीछा कर रहा हो।