47 “सम्भव है कि कोई विदेशी यात्री या अतिथि तुम्हारे बीच धनी हो जाय। सम्भव है कि तुम्हारे देश का कोई व्यक्ति इतना गरीब हो जाय कि वह अपने को तुम्हारे बीच रहने वाले किसी विदेशी या विदेशी परिवार के सदस्य को दास के रूप में बेचे।
47 फिर यदि तेरे साम्हने कोई परदेशी वा यात्री धनी हो जाए, और उसके साम्हने तेरा भाई कंगाल हो कर अपने आप को तेरे साम्हने उस परदेशी वा यात्री वा उसके वंश के हाथ बेच डाले,
47 ‘यदि तुम्हारे साथ रहने वाला कोई प्रवासी अथवा अस्थायी प्रवासी व्यक्ति धनी हो जाए परन्तु तुम्हारा जाति-भाई अथवा बहिन दरिद्र, और वह अपने आपको उस प्रवासी अथवा अस्थायी प्रवासी व्यक्ति या प्रवासी के कुटुम्ब के किसी सदस्य के हाथ में बेच दे,
47 “फिर यदि तेरे सामने कोई परदेशी या यात्री धनी हो जाए, और उसके सामने तेरा भाई कंगाल होकर अपने आप को तेरे सामने उस परदेशी या यात्री या उसके वंश के हाथ बेच डाले,
47 “फिर यदि तुम्हारे साथ रहनेवाला परदेशी या प्रवासी धनी हो जाए, और उसके साथ रहनेवाला तेरा भाई दरिद्र हो जाए और अपने आपको तेरे सामने उस परदेशी या प्रवासी या उसके वंश के किसी व्यक्ति के हाथ बेच डाले,
47 “ ‘यदि तुम्हारे साथ का कोई विदेशी अथवा यात्री धनी हो जाए, और तुम्हारा कोई भाई-बन्धु कंगाल तथा वह स्वयं को उस विदेशी अथवा यात्री, या उस विदेशी के कुल को बेच दे,
और फिर मैंने उन लोगों से कहा, “दूसरे देशों में हमारे यहूदी भाइयों को दासों के रूप में बेचा जाता था। उन्हें वापस खरीदने और स्वतन्त्र कराने के लिए हमसे जो बन पड़ा। हमने किया और अब तुम उन्हें फिर दासों के रूप में बेच रहे हो और हमें फिर उन्हें वापस लेना पड़ेगा!” इस प्रकार वे धनी लोग और वे हाकिम चुप्पी साधे रहे। कहने को उनके पास कुछ नहीं था।
कोई व्यक्ति तुम्हारे देश में बहुत गरीब हो सक्ता है। वह इतना गरीब हो सकता कि उसे अपनी सम्पत्ति बेचनी पड़े। ऐसी हालत में उसके नजदीकी रिश्तेदारों को आगे आना चाहिए और अपने रिश्तेदार के लिए वह सम्पत्ति वापस खरीदनी चाहिए।
किसी व्यक्ति का कोई ऐसा नजदीकी रिश्तेदार नहीं भी हो सकता है जो उसके लिए सम्पत्ति वापस खरीदे। किन्तु हो सक्ता है वह स्वयं भूमि को वापस खरीदने के लिए पर्याप्त धन पा ले।
तुम इन विदेशी दासों को अपने बच्चों को भी दे सकते हो जो तुम्हारे मरने के बाद तुम्हारे बच्चों के होंगे। वे सदा के लिए तुम्हारे दास रहेंगे। तुम इन विदेशियों को दास बना सकते हो। किन्तु तुम्हें अपने भाईयों, इस्राएल के लोगों पर क्रूरता से शासन नहीं करना चाहिए।
हे मेरे प्यारे भाईयों, सुनो क्या परमेश्वर ने संसार की आँखों में उन निर्धनों को विश्वास में धनी और उस राज्य के उत्तराधिकारी के रूप में नहीं चुना, जिसका उसने, जो उसे प्रेम करते हैं, देने का वचन दिया है।