याजक हारून के कुछ वंशजों के पास कुछ कृषि योग्य खेत नगर के समीप वहाँ थे जहाँ लेवीवंशी रहते थे और हारून के वंशजों में से कुछ नगरों में भी रहते थे। उन नगरों में से हर एक में हारून के इन वंशजों को संग्रह का हिस्सा देने के लिये व्यक्ति नामांकन द्वारा चुने जाते थे। पुरुष तथा वे सभी जिनका नाम लेवीवंश के इतिहास में था सभी संग्रह का हिस्सा पाते थे।
“याजकों की भूमि से लगी भूमि को लेवीवंशी अपने हिस्से के रूप में पाएंगे। यह पच्चीस हजार हाथ लम्बी, दस हजार हाथ चौड़ी होगी। वे इस भूमि की पूरी लम्बाई और चौड़ाई पच्चीस हजार हाथ लम्बी और बीस हजार हाथ चौड़ी पाएंगे।
लेवीवंशी इस भूमि का कोई भाग न तो बेचेंगे, न ही व्यापार करेंगे। वे इस भूमि का कोई भी भाग बेचने का अधिकार नहीं रखते। वे देश के इस भाग के टुकड़े नहीं कर सकते। क्यों क्योंकि यह भूमि यहोवा की है। यह अति विशेष है। यह भूमि का सर्वोत्तम भाग है।
यदि कोई व्यक्ति लेवी से कोई घर खरीदे तो लेवीयों के नगर का वह घर फिर जुबली पर्व के समय लेवियों का हो जाएगा। क्यों? क्योंकि लेवी नगर के घर लेवी के परिवार समूह के लोगों के हैं। इस्राएल के लोगों ने उन नगरों को लेवी लोगों को दिया।