10 तुम पचासवें वर्ष को विशेष वर्ष मनाओगे। तुम अपने देश में रहने वाले सभी लोगों की स्वतन्त्रता घोषित करोगे। इस समय को “जुबली मुक्तिवर्ष” कहा जाएगा। तुममें से हर एक को उसकी धरती लौटा दी जाएगी। और तुममें से हर एक अपने परिवार में लौट जाएगा।
10 और उस पचासवें वर्ष को पवित्र करके मानना, और देश के सारे निवासियों के लिये छुटकारे का प्रचार करना; वह वर्ष तुम्हारे यहां जुबली कहलाए; उस में तुम अपनी अपनी निज भूमि और अपने अपने घराने में लौटने पाओगे।
10 तुम पचासवें वर्ष को पवित्र मानना, और देश के समस्त निवासियों की स्वतन्त्रता की घोषणा करना। यह “जुबली वर्ष” कहलाएगा। इस वर्ष प्रत्येक व्यक्ति अपनी पैतृक सम्पत्ति पुन: प्राप्त करेगा। हर एक मनुष्य अपने परिवार में लौट आएगा।
10 और उस पचासवें वर्ष को पवित्र मानना, और देश के सारे निवासियों के लिये छुटकारे का प्रचार करना; वह वर्ष तुम्हारे यहाँ जुबली* कहलाए; उसमें तुम अपनी अपनी निज भूमि और अपने अपने घराने में लौटने पाओगे।
10 तुम पचासवें वर्ष को पवित्र मानना, और देश के समस्त निवासियों के छुटकारे का प्रचार करना। वह वर्ष तुम्हारे लिए जुबली कहलाए। इसमें तुममें से प्रत्येक अपनी-अपनी निज भूमि को और अपने-अपने घराने को लौट जाए।
10 तुम्हें पचासवें वर्ष को पवित्र करना होगा और सारे देश के निवासियों के लिए छुटकारे की घोषणा करनी होगी. यह वर्ष तुम्हारे लिए योवेल वर्ष कहलाएगा और तुममें से हर एक की पैतृक संपत्ति अपने-अपने परिवार को लौट आएगा.
यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर है, वह परमेश्वर जो यरूशलेम में है। यदि परमेश्वर के व्यक्तियों में कोई भी व्यक्ति तुम्हारे बीच रह रहा है तो मैं यह प्रार्थना करता हूँ कि परमेश्वर उसे आशीर्वाद दे। तुम्हें उसे यहूदा देश के यरूशलेम में जाने देना चाहिये। तुम्हें यहोवा के मन्दिर को बनाने के लिये उन्हें जाने देना चाहिये।
“मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैं तुम्हें मिस्र देश से बाहर लाया। मैंने तुम्हें दासता से मुक्त किया। इसलिए तुम्हें निश्चय ही इन आदेशों का पालन करना चाहिए।
तुम बन्दियों से कहोगे, ‘तुम अपने कारागार से बाहर निकल आओ!’ तुम उन लोगों से जो अन्धेरे में हैं, कहोगे, ‘अन्धेरे से बाहर आ जाओ।’ वे चलते हुए राह में भोजन कर पायेंगे। वे वीरान पहाड़ों में भी भोजन पायेंगे।
अत: सभी प्रमुखों और यहूदा के सभी लोगों ने इस वाचा को स्वीकार किया था। हर एक व्यक्ति अपने दास—दासियों को स्वतन्त्र कर देगा और उन्हें और अधिक समय तक दास से रूप में नहीं रखेगा। हर एक व्यक्ति सहमत था और इस प्रकार सभी दास स्वतन्त्र कर दिये गए।
सिदकिय्याह ने यरूशलेम के सभी निवासियों से यह वाचा की थी कि मैं सभी यहूदी दासों को मुक्त कर दूँगा। जब सिदकिय्याह ने वह वाचा कर ली, उसके बाद यिर्मयाह को यहोवा का सन्देश मिला।
किन्तु यदि कोई शासक अपनी भूमि के किसी भाग को अपने दास को पुरस्कार के रूप में देता है तो वह पुरस्कार उसके स्वतन्त्र होने की तिथि तक ही उसका रहेगा। तब पुरस्कार शासक को वापस हो जाएगा। केवल राजा के पुत्र ही उसकी भूमि के पुरस्कार को अपने पास रख सकते हैं
किन्तु भाईयों, तुम्हें परमेश्वर ने स्वतन्त्र रहने को चुना है। किन्तु उस स्वतन्त्रता को अपने आप पूर्ण स्वभाव की पूर्ति का साधन मत बनने दो, इसके विपरीत प्रेम के कारण परस्पर एक दूसरे की सेवा करो।