मैं यहूदा के लोगों ने जो बुरे काम किये हैं, उसका बदला चुकाऊँगा। मैं हर एक पाप के लिये दो बार उनको दण्ड दूँगा। मैं यह करुँगा क्योंकि उन्होंने मेरे देश को ‘गन्दा’ बनाया है। उन्होंने मेरे देश को भयंकर मूर्तियों से गन्दा किया है। मैं उन देवमूर्तियों से घृणा करता हूँ। किन्तु उन्होंने मेरे देश को अपनी देवमूर्तियों से भर दिया है।”
मुझे बलि के रूप में अर्पित करने को कुछ लोग बैल का वध किया करते हैं किन्तु वे लोगों से मारपीट भी करते हैं। मुझे अर्पित करने को ये भेड़ों को मारते हैं किन्तु ये कुत्तों की गर्दन भी तोड़ते हैं और सुअरों का लहू ये मुझ पर चढ़ाते हैं। ऐसे लोगों को धूप के जलाने की याद बनी रहा करती हैं किन्तु वे व्यर्थ की अपनी प्रतिमाओं से प्रेम करते हैं। ऐसे ये लोग अपनी मनचीती राहों पर चला करते हैं, मेरी राहों पर नहीं। वे पूरी तरह से अपने घिनौने मूर्ति के प्रेम में डूबे हैं।
लोग कब्रों के बीच बैठते हैं और मरे हुए लोगों से सन्देश पाने का इंतज़ार करते रहते हैं। यहाँ तक कि वे मुर्दों के बीच रहा करते हैं। वे सुअर का माँस खाते हैं। उनके प्यालों में अपवित्र वस्तुओं का शोरबा है।
“बेकार की बलियाँ तुम मुझे मत चढ़ाते रहो। जो सुगंधित सामग्री तुम मुझे अर्पित करते हो, मुझे उससे घृणा है। नये चाँद की दावतें, विश्राम और सब्त मुझ से सहन नहीं हो पाते। अपनी पवित्र सभाओं के बीच जो बुरे कर्म तुम करते हो, मुझे उनसे घृणा है।
“तुम्हें विदेशियों से बलि के लिए ऐसे जनावरों को नहीं लेना चाहिए। क्यों? क्योंकि ये जानवर किसी प्रकार चोट खाए हुए हैं। उनमें कुछ दोष है। ये स्वीकार नहीं किए जाएंगे।”
“कभी कभी किसी मवेशी या मेमने के पैर अत्याधिक लम्बे हो सकते हैं या ऐसे पैर हो सकते हैं जिनका विकास ठीक से न हुआ हो। यदि कोई व्यक्ति ऐसे जानवर को यहोवा को विशेष भेंट के रुप में चढ़ाना चाहता है तो वह स्वीकार किया जाएगा। किन्तु इसे किसी व्यक्ति द्वारा दिए गए वचन के लिए किये जाने वाले भुगतान के रुप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो वह अपारधी होगा। क्यों? क्योंकि उसने यहोवा की पवित्र चीजों का सम्मान नहीं किया। उस व्यक्ति को अपने लोगों से अलग कर दिया जाना चाहिए।