46 जितने दिन तक वह व्याधि उस में रहे उतने दिन तक वह तो अशुद्ध रहेगा; और वह अशुद्ध ठहरा रहे; इसलिये वह अकेला रहा करे, उसका निवास स्थान छावनी के बाहर हो॥
योआब और उसका परिवार इसके लिये उत्तरदायी है और उसका पूरा परिवार इसके लिए दोषी है। मुझे आशंका है कि योआब के परिवार पर बहुत विपत्तियाँ आएंगी। मुझे यह आशा है कि उसके परिवार में सदा कोई न कोई जख्म से अथवा भयानक चर्मरोग से पीड़ित होगा, और कोई बैसाखी उपयोग में लाएगा, और कोई युद्ध में मारा जाएगा और कोई बिना भोजन रहेगा!”
यहोवा ने राजा अजर्याह को हानिकारक कुष्ठरोग का रोगी बना दिया। वह मरने के दिन तक इसी रोग से पीड़ित रहा। अजर्याह एक अलग महल में रहता था। राजा का पुत्र योताम राज महल की देखभाल और जनता का न्याय करता था।
राजा उज्जिय्याह मृत्यु पर्यन्त कोढ़ी था। वह यहोवा के मन्दिर में प्रवेश नहीं कर सकता था। उज्जिय्याह के पुत्र योताम ने राजमहल को व्यवस्थित रखा औऱ लोगों का प्रशासक बना।
एक समय वह था जब यरूशलेम में लोगों की भीड़ थी। किन्तु आज वही नगरी उजाड़ पड़ी हुई हैं! एक समय वह था जब देशों के मध्य यरूशलेम महान नगरी थी! किन्तु आज वही ऐसी हो गयी है जैसी कोई विधवा होती है! वह समय था जब नगरियों के बीच वह एक राजकुमारी सी दिखती थी। किन्तु आज वही नगरी दासी बना दी गयी है।
यरूशलेम ने गहन पाप किये थे। उसने पाप किये थे कि जिससे वह ऐसी वस्तु हो गई कि जिस पर लोग अपना सिर नचाते थे। वे सभी लोग उसको जो मान देते थे, अब उससे घृणा करने लगे। वे उससे घृणा करने लगे क्योंकि उन्होंने उसे नंगा देख लिया है। यरूशलेम दहाड़े मारती है और वह मुख फेर लेती है।
लोग चिल्लाकर कहते थे, “दूर हटो! दूर हटो! तुम अस्वच्छ हो, हमको मत छूओ।” वे लोग इधर—उधर यूं ही फिरा करते थे। उनके पास कोई घर नहीं था। दूसरी जातियों के लोग कहते थे, “हम नहीं चाहते कि वे हमारे पास रहें।”
“कुछ वस्त्रों पर फफूँदी लग सकती है। वस्त्र सन का या ऊनी हो सकता है। वस्त्र बुना हुआ या कढ़ा हुआ हो सकता है। फफूँदी किसी चमड़े या चमड़े से बनी किसी चीज पर हो सकती है।
एवम् उन लोगों के बीच जिनकी बुद्धि बिगड़ गयी है, निरन्तर बने रहने वाले मतभेद पैदा होते हैं, वे सत्य से वंचित हैं। ऐसे लोगों का विचार है कि परमेश्वर की सेवा धन कमाने का ही एक साधन है।
कोई अपवित्र वस्तु तो उसमें प्रवेश तक नहीं कर पायेगी और न ही लज्जापूर्ण कार्य करने वाले और झूठ बोलने वाले उसमें प्रवेश कर पाएँगे उस नगरी में तो प्रवेश बस उन्हीं को मिलेगा जिनके नाम मेमने की जीवन की पुस्तक में लिखे हैं।