इस्राएल के सभी लोगों ने समझ लिया कि नये राजा ने उनकी बात अनसुनी कर दी है। इसलिये लोगों ने राजा से कहा, “क्या हम दाऊद के परिवार के अंग हैं नहीं! क्या हमें यिशै की भूमि में से कुछ मिला है नहीं! अत: इस्राएलियो हम अपने घर चलें। दाऊद के पुत्र को अपने लोगों पर शासन करने दो।” अत: इस्राएल के लोग अपने घर वापस गए।
बारह नेताओं में से प्रत्येक नेता अपनी—अपनी भेंटें लाया। वे भेंटें ये हैं: प्रत्येक नेता चाँदी की एक थाली लाया जिसका वजन था एक सौ तीस शेकेल। प्रत्येक नेता चाँदी का एक कटोरा लाया जिसका वजन सत्तर शेकेल था इन दोनों ही उपहारों को पवित्र अधिकृत भार से तोला गया था हर कटोरे और हर थाली में तेल मिला बारीक आटा भरा हुआ था। यह अन्नबलि के रुप में प्रयोग में लाया जाना था प्रत्येक नेता सोने की एक बड़ी करछी भी लेकर आया जिसका भार दस शेकेल था। इस करछी में धूप भरी हुई थी। प्रत्यके नेता एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक वर्ष का एक मेमना