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लूका 3:13 - पवित्र बाइबल

13 इस पर उसने उनसे कहा, “जितना चाहिये उससे अधिक एकत्र मत करो।”

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Hindi Holy Bible

13 उस ने उन से कहा, जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उस से अधिक न लेना।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 योहन ने उनसे कहा, “जितना कर तुम्‍हारे लिए निश्‍चित है, उस से अधिक मत वसूलो।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 उसने उनसे कहा, “जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उस से अधिक न लेना।”

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नवीन हिंदी बाइबल

13 उसने उनसे कहा, “जितना लेने का तुम्हें आदेश मिला है, उससे अधिक वसूल न करना।”

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सरल हिन्दी बाइबल

13 “निर्धारित राशि से अधिक मत लो.” योहन ने उत्तर दिया.

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लूका 3:13
15 क्रॉस रेफरेंस  

लुटेरे, लालची, पियक्कड़, चुगलखोर और ठग परमेश्वर के राज्य के उत्तराधिकारी नहीं होंगे।


किन्तु जक्कई खड़ा हुआ और प्रभु से बोला, “हे प्रभु, देख, मैं अपनी सारी सम्पत्ति का आधा गरीबों को दे दूँगा और यदि मैंने किसी का छल से कुछ भी लिया है तो उसे चौगुना करके लौटा दूँगा!”


जो चोरी करता आ रहा है, वह आगे चोरी न करे। बल्कि उसे काम करना चाहिए, स्वयं अपने हाथों से कोई उपयोगी काम। ताकि उसके पास, जिसे आवश्यकता है, उसके साथ बाँटने को कुछ हो सके।


हे मनुष्य, यहोवा ने तुझे वह बातें बतायीं हैं जो उत्तम हैं। ये वे बातें हैं, जिनकी यहोवा को तुझ से अपेक्षा है। ये वे बातें हैं—तू दुसरे लोगों के साथ में सच्चा रह; तू दूसरों से दया के साथ प्रेम कर, और अपने जीवन नम्रता से परमेश्वर के प्रति बिना उपहारों से तुम उसे प्रभावित करने का जतन मत करो।


“इसलिये जैसा व्यवहार अपने लिये तुम दूसरे लोगों से चाहते हो, वैसा ही व्यवहार तुम भी उनके साथ करो। व्यवस्था के विधि और भविष्यवक्ताओं के लिखे का यही सार है।


क्योंकि हम साक्षियों की ऐसी इतनी बड़ी भीड़ से घिरे हुए हैं, जो हमें विश्वास का अर्थ क्या है इस की साक्षी देती है। इसलिए आओ बाधा पहुँचाने वाली प्रत्येक वस्तु को और उस पाप को जो सहज में ही हमें उलझा लेता है झटक फेंके और वह दौड़ जो हमें दौड़नी है, आओ धीरज के साथ उसे दौड़ें।


जो निज पापों पर पर्दा डालता है, वह तो कभी नहीं फूलता—फलता है किन्तु जो निज दोषों को स्वीकार करता और त्यागता है, वह दया पाता है।


स्वयं को मैं उसके सामने पवित्र रखता हूँ और अबोध बना रहता हूँ।


फिर उन्होंने उससे पूछा, “हे गुरु, हमें क्या करना चाहिये?”


कुछ सैनिकों ने उससे पूछा, “और हमें क्या करना चाहिये?” सो उसने उन्हें बताया, “बलपूर्वक किसी से धन मत लो। किसी पर झूठा दोष मत लगाओ। अपने वेतन में संतोष करो।”


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