44 और वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी ह्रृदय वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लोहू की बड़ी बड़ी बून्दों की नाईं भूमि पर गिर रहा था।
मार्ग से होते हुए जब तुम सभी लोग मेरे पास से गुजरते हो तो ऐसा लगता है जैसे ध्यान नहीं देते हो। किन्तु मुझ पर दृष्टि डालो और जरा देखो, क्या कोई ऐसी पीड़ा है जैसी पीड़ा मुझको है क्या ऐसा कोई दु:ख है जैसा दु:ख मुझ पर पड़ा है क्या ऐसा कोई कष्ट है जैसे कष्ट का दण्ड यहोवा ने मुझे दिया है उसने अपने कठिन क्रोध के दिन पर मुझको दण्डित किया है।
यीशु ने इस धरती पर के जीवनकाल में जो उसे मृत्यु से बचा सकता था, ऊँचे स्वर में पुकारते हुए और रोते हुए उससे प्रार्थनाएँ तथा विनतियाँ की थीं और आदरपूर्ण समर्पण के कारण उसकी सुनी गयी।
यहोवा ने उसे कुचल डालने का निश्चय किया। यहोवा ने निश्चय किया कि वह यातनाएँ झेले। सो सेवक ने अपना प्राण त्यागने को खुद को सौंप दिया। किन्तु वह एक नया जीवन अनन्त—अनन्त काल तक के लिये पायेगा। वह अपने लोगों को देखेगा। यहोवा उससे जो करना चाहता है, वह उन बातों को पूरा करेगा।