Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल

- विज्ञापनों -




लूका 2:47 - पवित्र बाइबल

47 वे सभी जिन्होंने उसे सुना था, उसकी सूझबूझ और उसके प्रश्नोत्तरों से आश्चर्यचकित थे।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

47 और जितने उस की सुन रहे थे, वे सब उस की समझ और उसके उत्तरों से चकित थे।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

47 सभी सुनने वाले उसकी बुद्धि और उसके उत्तरों पर चकित थे।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

47 जितने उसकी सुन रहे थे, वे सब उसकी समझ और उसके उत्तरों से चकित थे।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

47 और जो उसकी सुन रहे थे, वे सब उसकी समझ और उसके उत्तरों से चकित थे।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

47 जिस किसी ने भी उनको सुना, वह उनकी समझ और उनके उत्तरों से चकित थे.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




लूका 2:47
13 क्रॉस रेफरेंस  

परिणाम यह हुआ कि जब यीशु ने ये बातें कह कर पूरी कीं, तो उसके उपदेशों पर लोगों की भीड़ को बड़ा अचरज हुआ।


लोग उसके उपदेश से आश्चर्यचकित थे क्योंकि उसका संदेश अधिकारपूर्ण होता था।


मैं अपने सब शिक्षाओं से अधिक बुद्धिमान हूँ क्योंकि मैं तेरी वाचा का पाठ किया करता हूँ।


यहूदी नेताओं ने अचरज के साथ कहा, “यह मनुष्य जो कभी किसी पाठशाला में नहीं गया फिर इतना कुछ कैसे जानता है?”


उसके उपदेशों पर लोग चकित हुए। क्योंकि वह उन्हें किसी शास्त्र ज्ञाता की तरह नहीं बल्कि एक अधिकारी की तरह उपदेश दे रहा था।


सिपाहियों ने जवाब दिया, “कोई भी व्यक्ति आज तक ऐसे नहीं बोला जैसे वह बोलता है।”


हर कोई उसकी बड़ाई कर रहा था। उसके मुख से जो सुन्दर वचन निकल रहे थे, उन पर सब चकित थे। वे बोले, “क्या यह यूसुफ का पुत्र नहीं है?”


और अपने देश आ गया। फिर उसने यहूदी आराधनालयों में उपदेश देना आरम्भ कर दिया। इससे हर कोई अचरज में पड़ कर कहने लगा, “इसे ऐसी सूझबूझ और चमत्कारी शक्ति कहाँ से मिली?


जब लोगों ने यह सुना तो उसके उपदेश पर वे बहुत चकित हो गए।


जब सब्त का दिन आया, उसने आराधनालय में उपदेश देना आरम्भ किया। उसे सुनकर बहुत से लोग आश्चर्यचकित हुए। वे बोले, “इसको ये बातें कहाँ से मिली हैं? यह कैसी बुद्धिमानी है जो इसको दी गयी है? यह ऐसे आश्चर्य कर्म कैसे करता है?


जब प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों ने यह सुना तो वे उसे मारने का कोई रास्ता ढूँढने लगे। क्योंकि भीड़ के सभी लोग उसके उपदेश से चकित थे। इसलिए वे उससे डरते थे।


और फिर हुआ यह कि तीन दिन बाद वह उपदेशकों के बीच बैठा, उन्हें सुनता और उनसे प्रश्न पूछता मन्दिर में उन्हें मिला।


जिस किसी ने भी उन्हें सुना, वे सभी गड़ेरियों की कही बातों पर आश्चर्य करने लगे।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों