10 योना ने लोगों से कहा कि, वह यहोवा से दूर भाग रहा है। जब लोगों को इस बात का पता चला, तो वह बहुत अधिक डर गये। लोगों ने योना से पूछा, “तूने अपने परमेश्वर के विरूद्ध क्या बुरी बात की है”
10 यह सुनकर नाविक अत्यन्त डर गए। उन्होंने योना से कहा, ‘यह तुमने क्या किया!’ योना प्रभु के सम्मुख से भाग रहा है, यह बात वे जानते थे; क्योंकि स्वयं योना ने उन्हें बताया था।
10 तब वे बहुत डर गए, और उससे कहने लगे, “तू ने यह क्या किया है?” वे जान गए थे कि वह यहोवा के सम्मुख से भाग आया है; क्योंकि उस ने आप ही उनको बता दिया था।
10 यह सुनकर वे भयभीत हो गए और उन्होंने योनाह से कहा, “तुमने यह क्या कर डाला?” (क्योंकि योनाह उन्हें यह बता चुका था कि वह याहवेह की उपस्थिति से भाग रहा था.)
योना परमेश्वर की बातें नहीं मानना चाहता था, सो योना ने यहोवा से कहीं दूर भाग जाने का प्रयत्न किया। सो योना यापो की ओर चला गया। योना ने एक नौका ली जो सुदूर नगर तर्शीश को जा रही थी। योना ने अपनी यात्रा के लिये धन दिया और वह नाव पर जा चढ़ा। योना चाहता था कि इस नाव पर वह लोगों के साथ तर्शीश चला जाये और यहोवा से कहीं दूर भाग जाये।
तब यहोशू ने कहा, “तुमने हमारे लिये ये सब मुसीबतें क्यों कीं? अब यहोवा तुम पर मुसीबत लाएगा!” तब सभी लोगों ने आकान और उसके परिवार पर तब तक पत्थर फेंके जब तक वे मर नहीं गए। उन्होंने उसके परिवार को भी मार डाला। तब लोगों ने उन्हें और उसकी सभी वस्तुओं को जला दिया।
उधर आँधी तूफान और समुद्र की लहरें प्रबल से प्रबलतर होती चली जा रही थीं। सो लोगों ने योना से कहा, “हमें अपनी रक्षा के लिये क्या करना चाहिये समुद्र को शांत करने के लिये तेरे साथ क्या करना चाहिये”