हे यहोवा, क्या तूने पूरी तरह यहूदा राष्ट्र को त्याग दिया है यहोवा, क्या तू सिय्योन से घृणा करता है तूने इसे बुरी तरह से चोट की है कि हम फिर से अच्छे नहीं बनाए जा सकते। तूने वैसा क्यों किया हम शान्ति की आशा रखते थे, किन्तु कुछ भी अच्छा नहीं हुआ। हम लोग घाव भरने के समय की प्रतीक्षा कर रहे थे, किन्तु केवल त्रास आया।
जब लोग कह रहे होंगे कि “सब कुछ शांत और सुरक्षित है” तभी जैसे एक गर्भवती स्त्री को अचानक प्रसव वेदना आ घेरती है वैसे ही उन पर विनाश उतर आयेगा और वे कहीं बच कर भाग नहीं पायेंगे।
ऐसा वह व्यक्ति जो मारोत का निवासी है, सुसमाचार आने को बाट जोहता हुआ दुर्बल हुआ जा रहा है। क्यों? क्योंकि यहोवा से नीचे यरूशलेम के नगर द्वार पर विपत्ती के उतरी है।
नबी और याजक हमारे लोगों के घावों को भरने का प्रयत्न ऐसे करते हैं मानों वे छोटे से घाव हों। वे कहते हैं, “यह बिल्कुल ठीक है, यह बिल्कुल ठीक है।” किन्तु यह बिल्कुल ठीक नहीं।
तब मैंने अर्थात् यिर्मयाह ने कहा, “मेरे स्वामी यहोवा, तूने सचमुच यहूदा और यरूशलेम के लोगों को धोखे में रखा है। तूने उनसे कहा, ‘तुम शान्तिपूर्वक रहोगे।’ किन्तु अब उनके गले तर तलवार खिंची हुई है।”
अनेक सैनिक उन सूनी पहाड़ियों को रौंदते गए हैं। यहोवा ने उन सेनाओं का उपयोग उस देश को दण्ड देने के लिये किया। देश के एक सिरे से दूसरे सिरे तक के लोग दण्डित किये गये हैं। कोई व्यक्ति सुरक्षित न रहा।