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यिर्मयाह 5:3 - पवित्र बाइबल

3 हे यहोवा, मैं जानता हूँ कि तू लोगों में सच्चाई देखना चाहता है। तूने यहूदा के लोगों को चोट पहुँचाई, किन्तु उन्होंने किसी पीड़ा का अनुभव नहीं किया। तूने उन्हें नष्ट किया, किन्तु उन्होंने अपना सबक सीखने से इन्करा कर दिया। वे बहुत हठी हो गए। उन्होंने अपने पापों के लिये पछताने से इन्कार कर दिया।

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Hindi Holy Bible

3 हे यहोवा, क्या तेरी दृष्टि सच्चाई पर नहीं है? तू ने उन को दु:ख दिया, परन्तु वे शोकित नहीं हुए; तू ने उन को नाश किया, परन्तु उन्होंने ताड़ना से भी नहीं माना। उन्होंने अपना मन चट्टान से भी अधिक कठोर किया है; उन्होंने पश्चात्ताप करने से इनकार किया है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

3 ‘हे प्रभु, क्‍या तू सच्‍चाई को नहीं देखता? देख, तूने उनको मारा, किन्‍तु उन्‍हें पीड़ा का अनुभव ही नहीं हुआ! तूने उनका संहार किया, फिर भी उन्‍होंने इससे पाठ नहीं सीखा! उन्‍होंने अपना हृदय चट्टान से अधिक कठोर बना लिया, उन्‍होंने पश्‍चात्ताप करने से इन्‍कार कर दिया।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

3 हे यहोवा, क्या तेरी दृष्‍टि सच्‍चाई पर नहीं है? तू ने उनको दु:ख दिया, परन्तु वे शोकित नहीं हुए; तू ने उनको नष्‍ट किया, परन्तु उन्होंने ताड़ना से भी नहीं माना। उन्होंने अपना मन चट्टान से भी अधिक कठोर किया है; उन्होंने पश्‍चाताप करने से इन्कार किया है।

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सरल हिन्दी बाइबल

3 याहवेह, क्या आपके नेत्र सत्य की अपेक्षा नहीं करते? आपने उन्हें दंड अवश्य दिया, किंतु उन्हें वेदना नहीं हुई; आपने उन्हें कुचल भी दिया, किंतु फिर भी उन्होंने अपने आचरण में सुधार करना अस्वीकार कर दिया. उन्होंने अपने मुखमंडल वज्र सदृश कठोर बना लिए हैं और उन्होंने प्रायश्चित करना अस्वीकार कर दिया है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

3 हे यहोवा, क्या तेरी दृष्टि सच्चाई पर नहीं है? तूने उनको दुःख दिया, परन्तु वे शोकित नहीं हुए; तूने उनको नाश किया, परन्तु उन्होंने ताड़ना से भी नहीं माना। उन्होंने अपना मन चट्टान से भी अधिक कठोर किया है; उन्होंने पश्चाताप करने से इन्कार किया है।

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यिर्मयाह 5:3
45 क्रॉस रेफरेंस  

दूसरे दिन बड़ी पुत्री ने छोटी से कहा, “पिछली रात मैं अपने पिता के साथ सोई। आओ इस रात फिर हम उसे दाखरस पिलाकर मदहोश कर दें। तब तुम उसके बिस्तर में जा सकती हो और उसके साथ सो सकती हो। इस तरह हम लोगों को अपने पिता का उपयोग बच्चों को जन्म देकर अपने वंश को चलाने के लिए करना चाहिए।”


राजा यारोबाम ने अपने को नहीं बदला। वह पाप कर्म करता रहा। वह विभिन्न परिवार समूहों से लोगों को याजक बनने के लिये चुनता रहा। वे याजक उच्च स्थानों पर सेवा करते थे। जो कोई याजक होना चाहता था याजक बन जाने दिया जाता था।


अहज्याह ने तीसरे सेनापति को पचास सैनिकों के साथ भेजा। पचास सैनिकों का सेनापति एलिय्याह के पास आया। सेनापति ने अपने घुटनों के बल झुककर उसको प्रणाम किया। सेनापति ने उससे यह कहते हुए प्रार्थना की, “परमेश्वर के जन मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ, कृपया मेरे जीवन और अपने इन पचास सेवकों के जीवन को अपनी दृष्टि में मूल्यवान मानें!


यहोवा की आँखें सारी पृथ्वी पर उन लोगों को देखती फिरती हैं जो उसके प्रति श्रद्धालु हैं जिससे वह उन लोगों को शक्तिशाली बना सके। आसा, तुमने मूर्खतापूर्ण काम किया। इसलिये अब से लेकर आगे तक तुमसे युद्ध होंगे।”


आहाज की परेशानियों के समय में उसने और अधिक बुरे पाप किये और यहोवा का औऱ अधिक अविश्वास योग्य बन गया।


हे परमेश्वर, तू चाहता है, हम विश्वासी बनें। और मैं निर्भय हो जाऊँ। इसलिए तू मुझको सच्चे विवेक से रहस्यों की शिक्षा दे।


मुझे प्रसन्न बना दे। बता दे मुझे कि कैसे प्रसन्न बनूँ? मेरी वे हडिडयाँ जो तूने तोड़ी, फिर आनन्द से भर जायें।


मेरे शत्रु अपने ही मित्रों पर वार करते। वे उन बातों को नहीं करते, जिनके करने को वे सहमत हो गये थे।


सज्जन तो निज कर्मो पर विचार करता है किन्तु दुर्जन का मुख अकड़ कर दिखाता है।


यहोवा सदा ज्ञान का ध्यान रखता है; किन्तु वह विश्वासघाती के वचन विफल करता।


तू कहेगा, “उन्होंने मुझे मारा पर मुझे तो लगा ही नहीं। उन्होंने मुझे पीटा, पर मुझ को पता ही नहीं। मुझ से आता नहीं मुझे उठा दो और मुझे पीने को और दो।”


तू किसी मूर्ख को चूने में पीस—चाहे जितना महीन करे और उसे पीस कर अनाज सा बना देवे उसका चूर्ण किन्तु उसकी मूर्खता को, कभी भी उससे तू दूर न कर पायेगा।


हे यहोवा तू उन्हें दण्ड देने को तत्पर है किन्तु वे इसे नहीं देखते। हे यहोवा तू अपने लोगों पर अपना असीम प्रेम दिखाता है जिसे देख दुष्ट जन लज्जित हो रहे हैं। तेरे शत्रु अपने ही पापों की आग में जलकर भस्म होंगे।


सो यहोवा उन पर क्रोधित हो गया। यहोवा ने उनके विरुद्ध भयानक लड़ाईयाँ भड़कवा दीं। यह ऐसे हुआ जैसे इस्राएल के लोग आग में जल रहे हों और वे जान ही न पाये हों कि क्या हो रहा है। यह ऐसा था जैसे वे जल रहे हों। किन्तु उन्होंने जो वस्तुएँ घट रही थीं, उन्हें समझने का जतन ही नहीं किया।


मैंने इसलिए वह किया था क्योंकि मुझको ज्ञात था कि तुम बहुत जिद्दी हो। मैंने जो कुछ भी बताया था उस पर विश्वास करने से तुमने मना किया। तुम बहुत जिद्दी थे, जैसे लोहे की छड़ नहीं झुकती है। यह बात ऐसी थी जैसे तुम्हारा सिर काँसे का बना हुआ है।


परमेश्वर यद्यपि लोगों को दण्ड देगा, किन्तु वे फिर भी पाप करना नहीं छोंड़ेंगे। वे परमेश्वर की ओर नहीं मुड़ेंगे। वे सर्वशक्तिमान यहोवा का अनुसरण नहीं करेंगे।


मैं अपने सूप से यहूदा के लोगों को फटक दूँगा। मैं देश के नगर द्वार पर उन्हें बिखेर दूँगा। मेरे लोग बदले नहीं हैं। अत: मैं उन्हें नष्ट करूँगा। मैं उनके बच्चों को ले लूँगा।


किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने मेरे इस आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने मेरी ओर ध्यान नहीं दिया। तुम्हारे पूर्वज बहुत हठी थे। मैंने उन्हें दण्ड दिया किन्तु इसका कोई अच्छा फल नहीं निकला। उन्होंने मेरी एक न सुनी।


“इस्राएल का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है: ‘मैंने कहा है कि मैं यरूशलेम और उसके चारों ओर के गाँवों पर अनेक विपत्तियाँ ढाऊँगा। मैं इन्हें शीघ्र घटित कराऊँगा। क्यों क्योंकि लोग बहुत हठी हैं वे मेरी सुनने और मेरी आज्ञा का पालन करने से इन्कार करते हैं।’”


“यहूदा के लोगों, मैंने तुम्हारे लोगों को दण्ड दिया, किन्तु इसका कोई परिणाम न निकला। तुम तब लौट कर नहीं आए जब दण्डित किये गये। तुमने उन नबियों को तलवार के घाट उतारा जो तुम्हारे पास आए। तुम खूंखार सिंह की तरह थे और तुमने नबियों को मार डाला।”


तुमने पाप किये अत: वर्षा नहीं आई! बसन्त समय की कोई वर्षा नहीं हुई। किन्तु अभी भी तुम लज्जित होने से इन्कार करती हो।


हे यहोवा, तू महान कार्यों की योजना बनाता और उन्हें करता है। तू वह सब देखता है जिन्हें लोग करते हैं और उन्हें पुरस्कार देता है जो अच्छे काम करते हैं तथा उन्हें दण्ड देता है जो बुरे काम करते हैं, तू उन्हें वह देता है जिनके वे पात्र हैं।


“इस्राएल के लोगों का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है: यिर्मयाह, जाओ यहूदा एवं यरूशलेम के लोगों को यह सन्देश दो: ‘लोगों, तुम्हें सबक सीखना चाहिये और मेरे सन्देश का पालन करना चाहिये।’ यह सन्देश यहोवा का है।


आज भी यहूदा के लोगों ने अपने को विनम्र नहीं बनाया। उन्होंने मुझे कोई सम्मान नहीं दिया और उन लोगों ने मेरी शिक्षाओं का अनुसरण नहीं किया। उन्होंने उन नियमों का पालन नहीं किया जिन्हें मैंने तुम्हें और तुम्हारे पूर्वजों को दिया।’


किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी अनसुनी की। उन्होंने मुझ पर ध्यान नहीं दिया। वे बहुत हठी रहे, और उन्होंने अपने पूर्वजों से भी बढ़कर बुराईयाँ कीं।


इसलिये तुम्हें उनसे ये बातें कहनी चाहियें: यह वह राष्ट्र है जिसने यहोवा अपने परमेश्वर की आज्ञा का पालन नहीं किया। इन लोगों ने परमेश्वर की शिक्षाओं को अनसुनी किया। ये लोग सच्ची शिक्षा नहीं जानते।


यहूदा के लोग गलत राह चले गए हैं। किन्तु यरूशलेम के वे लोग गलत राह चलते ही क्यों जा रहे हैं वे अपने झूठ में विश्वास रखते हैं। वे मुड़ने तथा लौटने से इन्कार करते हैं।


मैं तुम्हें उन लोगों से कुछ कहने के लिये भेज रहा हूँ। किन्तु वे बहुत हठी हैं। वे वड़े कठोर चित्त वाले हैं। किन्तु तुम्हें उन लोगों से बातें करनी हैं। तुम्हें कहना चाहिए, “हमारा स्वामी यहोवा ये बातें बताता है।”


तुमने मेरे विरुद्ध पाप किया और पाप से कलंकित हुई। मैंने तुम्हें नहलाना चाहा और तुम्हें स्वच्छ करना चाहा! किन्तु दाग छूटे नहीं। मैं तुमको फिर नहलाना नहीं चाहूँगा। जब तक मेरा तप्त क्रोध तुम्हारे प्रति समाप्त नहीं होता।


वे सभी भयानक बातें हमारे साथ भी घटीं। यह बातें ठीक वैसे ही घटीं, जैसे मूसा के व्यवस्था के विधान में लिखी हुई हैं। किन्तु हमने अभी भी परमेश्वर से सहारा नहीं माँगा है! हमने अभी भी पाप करना नहीं छोड़ा है। हे यहोवा, तेरे सत्य पर हम अभी भी ध्यान नहीं देते।


“यदि उन चीज़ों के होने पर भी तुम्हें सबक नहीं मिलता और तुम मेरे विरुद्ध जाते हो,


“मैंने तुम्हारे विरूद्ध महामारियाँ वैसे ही भेजीं जैसे मैंने मिस्र में भेजी थीं। मैंने तुम्हारे युवकों को तलवार के घाट उतार दिया। मैंने तुम्हारे घोड़े ले लिये। मैंने तुम्हारे डेरों को शवों की दुर्गन्ध से भरा। किन्तु तब भी तुम मेरे पास सहायता को वापस नहीं लौटे।” यहोवा ने यह सब कहा।


“मैने तुम्हें वैसे ही नष्ट किया जैसे मैंने सदोम और अमोरा को नष्ट किया था और वे नगर पूरी तरह नष्ट किये गये थे। तुम आग से खींची गई जलती लकड़ी की तरह थे। किन्तु तुम फिर भी सहायता के लिये मेरे पास नही लौटे।” यहोवा ने यह सब कहा।


“मैंने तुम्हें अपने पास बुलाने के लिये कई काम किये। मैंने तुम्हें खाने को कुछ भी नहीं दिया। तुम्हारे किसी भी नगर में भोजन नहीं था। किन्तु तुम मेरे पास वापस नहीं लौटे।” यहोवा ने यह सब कहा।


अत: दो या तीन नगरों से लोग पानी लेने के लिये दूसरे नगरों को लड़खड़ाते हुए गए किन्तु वहाँ भी हर एक व्यक्ति के लिये पर्याप्त जल नहीं मिला। तो भी तुम मेरे पास सहायता के लिये नहीं आए।” यहोवा ने यह सब कहा।


“मैंने तुम्हारी फसलों को गर्मी और बीमारी से मार डाला। मैंने तुम्हारे बागों और अंगूर के बगीचों को नष्ट किया। टिड्डियों ने तुम्हारे अंजीर के पेड़ों और जैतून के पेड़ों को खा डाला। किन्तु तुम फिर भी मेरे पास सहायता के लिये नहीं आए।” यहोवा ने यह सब कहा।


मैं तुमसे यह इसलिए कह रहा हूँ ताकि तुम शिक्षा लो। मैं चाहता हूँ कि तुम मुझसे डरो और मेरा सम्मान करो। यदि तुम ऐसा करोगे तो तुम्हारा घर नष्ट नहीं होगा। यदि तुम ऐसा करोगे तो मैं अपनी बनाई योजना के अनुसार तुम्हें दण्ड नहीं दूँगा।” किन्तु वे बुरे लोग वैसे ही बुरे काम और अधिक करना चाहते हैं जिन्हें उन्होंने पहले ही कर रखा हैं!


अब हम यह जानते हैं कि जो लोग ऐसे काम करते हैं उन्हें परमेश्वर का उचित दण्ड मिलता है।


और फिर यह भी कि इन सब को वे पिता भी जिन्होंने हमारे शरीर को जन्म दिया है, हमें ताड़ना देते हैं। और इसके लिए हम उन्हें मान देते हैं तो फिर हमें अपनी आत्माओं के पिता के अनुशासन के तो कितना अधिक अधीन रहते हुए जीना चाहिए।


हमारे पर का पालन करें:

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