उसने दमिश्क के लोगों द्वारा पूजे जाने वाले देवताओं को बलिभेंट की। दमिश्क के लोगों ने आहाज को पराजित किया था। इसलिए उसने मन ही मन सोचा था, “अराम के लोगों के देवताओं की पूजा ने उन्हें सहायता दी। यदि मैं उन देवताओं को बलिभेंट करुँ तो संभव है, वे मेरी भी सहायता करें।” आहाज ने उन देवताओं की पूजा की। इस प्रकार उसने पाप किया और उसने इस्राएल के लोगों को पाप करने वाला बनाया।
तब स्त्रियाँ बोल पड़ीं। उन्होंने यिर्मयाह से कहा, “हमारे पति जानते थे कि हम क्या कर रहे थे। हमने स्वर्ग की रानी को बलि देने के लिये उनसे स्वीकृति ली थी। मदिरा भेंट चढ़ाने के लिये हमें उनकी स्वीकृति प्राप्त थी। हमारे पति यह भी जानते थे कि हम ऐसी विशेष रोटी बनाते थे जो उनकी तरह दिखाई पड़ती थी।”
यिर्मयाह ने उन लोगों से कहा, “यहोवा को याद था कि तुमने यहूदा के नगर और यरूशलेम की सड़कों पर बलि भेंट की थी। तुमने और तुम्हारे पूर्वजों, तुम्हारे राजाओं, तुम्हारे अधिकारियों और देश के लोगों ने उसे किया। यहोवा को याद था और उसने तुम्हारे किये गये कर्मों के बारे में सोचा।
उसने मुझसे कहा, “मनुष्य के पुत्र, मैं तुम्हें इस्राएल के परिवार से कुछ कहने के लिये भेज रहा हूँ।” वे लोग कई बार मेरे विरूद्ध हुए। उनके पूर्वज भी मेरे विरुद्ध हुए। उन्होंने मेरे विरुद्ध अनेक बार पाप किये और वे आज तक मेरे विरुद्ध अब भी पाप कर रहे हैं।
तुम्हें उनसे वे बातें कहनी चाहिए जो मैं कह रहा हूँ। मैं जानता हूँ कि वे तुम्हारी नहीं सुनेंगे और वे मेरे विरुद्ध पाप करना बन्द नहीं करेंगे! क्यों क्योंकि वे विद्रोही लोग हैं।