यिर्मयाह 4:18 - पवित्र बाइबल18 “जिस प्रकार तुम रहे और तुमने पाप किया उसी से तुम पर यह विपत्ति आई। यह तुम्हारे पाप ही हैं जिसने जीवन को इतना कठिन बनाया है। यह तुम्हारा पाप ही है जो उस पीड़ा को लाया जो तुम्हारे हृदय को बेधती है।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible18 यह तेरी चाल और तेरे कामों ही का फल हैं। यह तेरी दुष्टता है और अति दुखदाई है; इस से तेरा हृदय छिद जाता है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)18 ‘तेरे ही आचरण, तेरे ही दुष्कर्मों के कारण यह विपत्ति तुझ पर आयी है। यह विनाश-फल कितना कटु है; और हृदय में सीधा उतर गया है।’ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)18 यह तेरी चाल और तेरे कामों ही का फल है। यह तेरी दुष्टता है और अति दुखदाई है; इस से तेरा हृदय छिद जाता है।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल18 “तुम्हारे आचरण एवं तुम्हारे कार्यों के कारण यह स्थिति आई है. तुम्हारा है यह संकट. कितना कड़वा! इसने तुम्हारे हृदय को बेध दिया है!” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201918 यह तेरी चाल और तेरे कामों ही का फल हैं। यह तेरी दुष्टता है और अति दुःखदाई है; इससे तेरा हृदय छिद जाता है।” अध्याय देखें |
यहोवा कहता है, “हे इस्राएल के लोगों, तुम कहा करते थे कि मैंने तुम्हारी माता यरूशलेम को त्याग दिया। किन्तु वह त्यागपत्र कहाँ है जो प्रमाणित कर दे कि मैंने उसे त्यागा है। हे मेरे बच्चों, क्या मुझको किसी का कुछ देना है क्या अपना कोई कर्ज चुकाने के लिये मैंने तुम्हें बेचा है नहीं! देखो जरा, तुम बिके थे इसलिए कि तुमने बुरे काम किये थे। इसलिए तुम्हारी माँ (यरूशलेम) दूर भेजी गई थी।
“हिजकिय्याह यहूदा का राजा था और हिजकिय्याह ने मीकायाह को नहीं मारा। यहूदा के किसी व्यक्ति ने मीकायाह को नहीं मारा। तुम जानते हो हिजकिय्याह यहोवा का सम्मान करता था। वह यहोवा को प्रसन्न करना चाहता था। यहोवा कह चुका था कि वह यहूदा का बुरा करेगा। किन्तु हिजकिय्याह ने यहोवा से प्रार्थना की और यहोवा ने अपना इरादा बदल दिया। यहोवा ने वे बुरी विपत्तियाँ नहीं आने दीं। यदि हम लोग यिर्मयाह को चोट पहुँचायेंगे तो हम लोग अपने ऊपर अनेक विपत्तियाँ बुलाएंगे और वे विपत्तियाँ हम लोगों के अपने दोष के कारण होंगी।”
यहूदा के लोग तुमसे पूछेंगे, ‘यिर्मयाह, हमारे परमेश्वर यहोवा ने हमारा ऐसा बुरा क्यों किया?’ उन्हें यह उत्तर दो, ‘यहूदा के लोगों, तुमने यहोवा को त्याग दिया है, और तुमने अपने ही देश में विदेशी देव मूर्तियों की पूजा की है। तुमने वे काम किये, अत: तुम अब उस देश में जो तुम्हारा नहीं है, विदेशियों की सेवा करोगे।’”