यिर्मयाह 15:19 - पवित्र बाइबल19 तब यहोवा ने कहा, “यिर्मयाह, यदि तुम बदल जाते हो और मेरे पास आते हो, तो मैं तुम्हें दण्ड नहीं दूँगा। यदि तुम बदल जाते हो और मेरे पास आते हो तो तुम मेरी सेवा कर सकते हो। यदि तुम महत्वपूर्ण बात कहते हो और उन बेकार बातों को नहीं कहते, तो तुम मेरे लिये कह सकते हो। यिर्मयाह, यहूदा के लोगों को बदलना चाहिये और तुम्हारे पास उन्हें आना चाहिये। किन्तु तुम मत बदलो और उनकी तरह न बनो। अध्याय देखेंHindi Holy Bible19 यह सुनकर यहोवा ने योंकहा, यदि तू फिरे, तो मैं फिर से तुझे अपने साम्हने खड़ा करूंगा। यदि तू अनमोल को कहे और निकम्मे को न कहे, तब तू मेरे मुख के समान होगा। वे लोग तेरी ओर फिरेंगे, परन्तु तू उनकी ओर न फिरना। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)19 अत: प्रभु ने मुझसे यों कहा: ‘ओ यिर्मयाह, यदि तू पश्चात्ताप करे और मेरे पास लौटे तो मैं तुझे पुन: स्वीकार करूंगा; तुझे फिर अपनी सेवा में लूंगा। यदि तू केवल मेरे अनमोल वचन बोलेगा, और निरर्थक वचन नहीं कहेगा, तो तू निस्सन्देह मेरा मुंह कहलाएगा! तब लोग तेरी ओर लौटेंगे, और तुझे उनके पास लौटना न पड़ेगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)19 यह सुनकर यहोवा ने यों कहा, “यदि तू फिरे, तो मैं फिर से तुझे अपने सामने खड़ा करूँगा। यदि तू अनमोल को कहे और निकम्मे को न कहे, तब तू मेरे मुख के समान होगा। वे लोग तेरी ओर फिरेंगे, परन्तु तू उनकी ओर न फिरना। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल19 इसलिये याहवेह का संदेश यह है: “यदि तुम लौट आओ, तो मैं तुम्हें पुनःस्थापित करूंगा कि तुम मेरे समक्ष खड़े रह पाओगे; यदि तुम व्यर्थ बातें नहीं, बल्कि अनमोल बातें कहें, तुम मेरे प्रवक्ता बन जाओगे. संभव है कि वे तुम्हारे निकट आ जाएं, किंतु तुम स्वयं उनके निकट न जाना. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201919 यह सुनकर यहोवा ने यह कहा, “यदि तू फिरे, तो मैं फिर से तुझे अपने सामने खड़ा करूँगा। यदि तू अनमोल को कहे और निकम्मे को न कहे, तब तू मेरे मुख के समान होगा। वे लोग तेरी ओर फिरेंगे, परन्तु तू उनकी ओर न फिरना। अध्याय देखें |
कभी—कभी मैं अपने से कहता हूँ: “मैं यहोवा के बारे में भूल जाऊँगा। मैं अब आगे यहोवा के नाम पर नहीं बोलूँगा।” किन्तु यदि मैं ऐसा कहता हूँ तो यहोवा का सन्देश मेरे भीतर भड़कती ज्वाला सी हो जाती है। मुझे ऐसा लगता है कि यह अन्दर तक मेरी हड्डियों को जला रही है। मैं अपने भीतर यहोवा के सन्देश को रोकने के प्रयत्न में थक जाता हूँ और अन्तत: मैं इसे अपने भीतर रोकने में समर्थ नहीं हो पाता।
“याजकों ने सचमुच मेरे उपदेशों को हानि पहुँचाई है। वे मेरी पवित्र चीजों को ठीक—ठीक नहीं बरतते अर्थात् वे यह प्रकट नहीं करते कि वे महत्वपूर्ण हैं। वे पवित्र चीज़ों को अपवित्र चीज़ों की तरह बरतते हैं। वे शुद्ध चीज़ो को अशुद्ध चीज़ों की तरह बरतते हैं। वे लोगों को इनके विषय में शिक्षा नहीं देते। वे मेरे विशेष विश्राम के दिनों का सम्मान करने से इन्कार करते हैं। वे मुझे इस तरह लेते हैं मानों मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ।