तब यहोयादा ने यहोवा, राजा और लोगों के बीच एक सन्धि कराई। इस वाचा से यह पता चलता था कि राजा और लोग यहोवा के अपने ही हैं। यहोयादा ने राजा और लोगों के बीच भी एक वाचा कराई। इस वाचा से यह पता चलता था कि राजा लोगों कि लिये कार्य करेगा और इससे यह पता चलता था कि लोग राजा का आदेश मानेंगे और उसका अनुसरण करेंगे।
तब राजा अपने स्थान पर खड़ा हुआ। उसने यहोवा के साथ वाचा की। उसने यहोवा का अनुसरण करने की और यहोवा के आदेशों, विधियों और नियमों का पालन करने की वाचा की। योशिय्याह पूरे हृदय और आत्मा से आज्ञा पालन करने को सहमत हुआ। वह पुस्तक में लिखे वाचा के कथनों का पालन करने को सहमत हुआ।
यहोवा ने मुझसे कहा, “यिर्मयाह, इस सन्देश की शिक्षा यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों पर दो। सन्देश यह है, ‘इस वाचा की बातों को सुनो और तब उन नियमों का पालन करो।