“अब तुम जाओ और लोगों को पवित्र करो। लोगों से कहो, ‘वे अपने को पवित्र करें। कल के लिये तैयार हो जाओ। इस्राएल का परमेश्वर यहोवा कहता है कि कुछ लोगों ने वे चीजें अपने पास रखी हैं, जिन्हें मैंने नष्ट करने का आदेश दिया था। तुम तब तक अपने शत्रुओं को पराजित करने योग्य नहीं होओगे, जब तक तुम उन चीज़ों को फेंक नहीं देते।
तुम, लोगों को जुटाओ। उस विशेष सभा के लिये उन्हें बुलाओ। तुम बूढ़े पुरूषों को एकत्र करो और बच्चे भी साथ एकत्र करो। वे छोटे शिशु भी जो अभी भी स्तन पीते हों, लाओ। नयी दुल्हन को और उसके पति को सीधे उनके शयन—कक्षों से बुलाओ।
शमूएल ने उत्तर दिया, “हाँ, मैं शान्तिपूर्वक आया हूँ। मैं यहोवा को बलि—भेंट करने आया हूँ। अपने को तैयार करो और मेरे साथ बलि—भेंट में आओ।” शमूएल ने यिशै और उसके पुत्रों को तैयार किया। तब शमूएल ने उन्हें आने और बलि—भेंट में भाग लेने के लिये आमन्त्रित किया।
तब मूसा ने हारून से कहा, “यहोवा कहता है, ‘जो याजक मेरे पास आए, उन्हें मेरा सम्मान करना चाहिए! मैं उन के लिए और सब ही के लिये पवित्र माना जाऊँ।’” इसलिए हारून अपने मरे हुए पुत्रों के लिए खामोश रहा।
अय्यूब के बच्चे जब जेवनार दे चुकते तो अय्यूब बड़े तड़के उठता और अपने हर बच्चे की ओर से होमबलि अर्पित करता। वह सोचता, “हो सकता है, मेरे बच्चे अपनी जेवनार में परमेश्वर के विरुद्ध भूल से कोई पाप कर बैठे हों।” अय्यूब इसलिये सदा ऐसा किया करता था ताकि उसके बच्चों को उनके पापों के लिये क्षमा मिल जाये।
याजक सारे संसार के स्वामी, यहोवा के सन्दूक को लेकर चलेंगे। वे उस सन्दूक को तुम्हारे सामने यरदन नदी में ले जाएंगे। जब वे पानी में घुसेंगे, तो यरदन के पानी का बहना रूक जायेगा। पानी रूक जाएगा और उस स्थान के पीछे बाँध की तरह खड़ा हो जाएगा।”
(फसल पकने के समय यरदन नदी अपने तटों को डुबा देती है। अत: नदी पूरी तरह भरी हुई थी।) सन्दूक ले चलने वाले याजक नदी के किनारे पहुँचे। उन्होंने पानी में पाँव रखा।
लोग इसे इकट्ठा करते थे और तब इसे पीसकर आटा बनाते थे या वे इसे कुचलने के लिए चट्टान का उपयोग करते थे। तब वे इसे बर्तन में पकाते थे अथवा इसके “फुलके” बनाते थे। फुलके का स्वाद जैतून के तेल से पकी रोटी के समान होता था।
किन्तु उनके बहुत निकट न रहो। लगभग एक हजार गज दूर उनके पीछे रहो। तुमने पहले इस ओर की यात्रा कभी नहीं की है। इसलिए यदि तुम उनके पीछे चलोगे, तो तुम जानोगे कि तुम्हें कहाँ जाना है।”
तब यहोशू ने याजकों से कहा, “साक्षीपत्र के सन्दूक को उठाओ और लोगों से पहले नदी के पार चलो।” इसलिए याजकों ने सन्दूक को उठाया और उसे लोगों के सामने ले गए।