27 हम लोगों ने जिस सच्चे उद्देश्य के लिये वेदी बनाई थी, वह अपने लोगों को यह दिखाना मात्र था कि हम उस परमेश्वर की उपासना करते हैं जिसकी तुम लोग उपासना करते हो। यह वेदी तुम्हारे लिये, हम लोगों के लिये और भविष्य में हम लोगों के बच्चों के लिये इस बात का प्रमाण होगा कि हम लोग परमेश्वर की उपासना करते हैं। हम लोग यहोवा को अपनी बलियाँ, अन्नबलि और मेलबलि चढ़ाते हैं। हम चाहते थे कि तुम्हारे बच्चे बढ़ें और जानें कि हम लोग भी तुम्हारी तरह इस्राएल के लोग हैं।
27 परन्तु इसलिये कि हमारे और तुम्हारे, और हमारे बाद हमारे और तुम्हारे वंश के बीच में साक्षी का काम दे; इसलिये कि हम होमबलि, मेलबलि, और बलिदान चढ़ाकर यहोवा के सम्मुख उसकी उपासना करें; और भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने पाए, कि यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं।
27 वरन् हमारे तथा तुम्हारे, एवं हमारी तथा तुम्हारी आगामी पीढ़ियों के मध्य साक्षी-चिह्न के लिए एक वेदी निर्मित करें कि हम भी अग्नि-बलि, बलि-पशु तथा सहभागिता-बलि के द्वारा प्रभु के सम्मुख उसकी सेवा करते हैं और उसी की आराधना करते हैं। अत: तुम्हारे वंशज हमारे वंशजों से यह नहीं कह सकेंगे कि प्रभु के साथ हमारा कोई साझा नहीं है।
27 परन्तु इसलिये कि हमारे और तुम्हारे, और हमारे बाद हमारे और तुम्हारे वंश के बीच में साक्षी का काम दे; इसलिये कि हम होमबलि, मेलबलि, और बलिदान चढ़ाकर यहोवा के सम्मुख उसकी उपासना करें; और भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने पाए, कि यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं।’
27 परंतु इसलिये कि यह आपके तथा हमारे और हमारी आनेवाली पीढ़ियों के बीच गवाह हो, कि हम अपनी होमबलियों, तथा मेल बलियों के द्वारा याहवेह के समक्ष उनकी सेवा-आराधना करेंगे, और आपकी संतान हमारी संतान से कभी यह न कहे, ‘तुम्हारे याहवेह से हमारा कोई लेना देना नहीं है.’
27 परन्तु इसलिए कि हमारे और तुम्हारे, और हमारे बाद हमारे और तुम्हारे वंश के बीच में साक्षी का काम दे; इसलिए कि हम होमबलि, मेलबलि, और बलिदान चढ़ाकर यहोवा के सम्मुख उसकी उपासना करें; और भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने पाए, कि यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं।’
तब योहशू ने सभी लोगों से कहा, “यह शिला तुम्हें उसे याद दिलाने में सहायक होगी जो कुछ हम लोगों ने आज कहा है। यह शिला तब यहाँ थी जब परमेश्वर हम लोगों से बात कर रहा था। इसलिये यह शिला कुछ ऐसी रेहेगी जो तुम्हें यह याद दिलाने में सहायता करेगी कि आज के दिन क्या हुआ था। यह शिला तुम्हारे प्रति एक साक्षी बनी रहेगी। यह तुम्हें तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के विपरीत जाने से रोकेगी।”
और रुबेन और गाद के लोगों ने कहा, “यह वेदी सभी लोगों को यह बताती है कि हमें यह विश्वास है कि यहोवा परमेश्वर है और इसलिए उन्होंने वेदी का नाम ‘प्रमाण’ रखा।”
तब यहोवा अपने लिये विशेष स्थान चुनेगा वह वहाँ अपना नाम प्रतिष्ठित करेगा और तुम उन सभी चीजों को वहीं लाओगे जिनके लिए मैं आदेश दे रहा हूँ। वहीं तुम अपनी होमबलि, अपनी बलियाँ, दशमांश, अपनी विशेष भेंट, यहोवा को वचन दी गई भेंट, अपनी स्वेच्छा भेंट और अपने मवेशियों के झुण्ड एवं रेवड़ का पहलौठा बच्चा लाओ।
इसके बाद, शमूएल ने एक विशेष पत्थर स्थापित किया। उसने यह इसलिऐ किया कि लोग याद रखें कि परमेश्वर ने क्या किया। शमूएल ने पत्थर को मिस्पा और शेन के बीच रखा। शमूएल ने पत्थर का नाम “सहायता का पत्थर” रखा। शमूएल ने कहा, “यहोवा ने लगातार पूरे रास्ते इस स्थान तक हमारी सहायता की।”
चट्टानों का ढेर तथा यह विशेष चट्टान हमें अपनी सन्धि को याद कराने में सहायता करेगी। तुमसे लड़ने के लिए मैं इन चट्टानों के पार कभी नहीं जाऊँगा और तुम मुझसे लड़ने के लिए इन चट्टानों से आगे मेरी ओर कभी नहीं आओगे।
भविष्य में यदि ऐसा होता है कि तुम्हारे बच्चे कहें कि हम लोग इस्राएल से सम्बन्ध नहीं रखते तो हमारे बच्चे तब कह सकेंगे कि ध्यान दें! ‘हमारे पूर्वजों ने, जो हम लोगों से पहले थे, एक वेदी बनाई थी। यह वेदी ठीक वैसी ही है जैसी पवित्र तम्बू के सामने यहोवा की वेदी है। हम लोग इस वेदी का उपयोग बलि देने के लिये नहीं करते—यह इस बात का संकेत करता है कि हम लोग इस्राएल के एक भाग हैं।’