16 “इस्राएल के सभी लोग तुमसे पूछते हैं: तूने इस्राएल के परमेश्वर के विरूद्ध यह क्यों किया? तुम यहोवा के विपरीत कैसे हो गये? तुम लोगों ने अपने लिये वेदी क्यों बनाई? तुम जानते हो कि यह परमेश्वर की शिक्षा के विरूद्ध है!
16 यहोवा की सारी मण्डली यह कहती है, कि तुम ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का यह कैसा विश्वासघात किया; आज जो तुम ने एक वेदी बना ली है, इस में तुम ने उसके पीछे चलना छोड़कर उसके विरुद्ध आज बलवा किया है?
16 ‘प्रभु की समस्त मंडली यह कहती है: “क्यों तुमने इस्राएल के परमेश्वर के प्रति यह विश्वासघात किया और प्रभु का अनुसरण करना छोड़ दिया? आज तुमने यह वेदी बनाकर प्रभु के प्रति विद्रोह किया है।
16 “यहोवा की सारी मण्डली यह कहती है, ‘तुम ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का यह कैसा विश्वासघात किया; आज जो तुम ने एक वेदी बना ली है, इस में तुम ने उसके पीछे चलना छोड़कर उसके विरुद्ध आज बलवा किया है?
16 “याहवेह की पूरी प्रजा की ओर से यह संदेश है: ‘इस्राएल के परमेश्वर के प्रति तुमने गलत काम क्यों किया? तुमने उनके वचन पर चलना छोड़ दिया और तुमने अपने लिए एक वेदी बनाई है. तुमने याहवेह के विरुद्ध पाप किया है!
16 “यहोवा की सारी मण्डली यह कहती है, कि ‘तुम ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का यह कैसा विश्वासघात किया; आज जो तुम ने एक वेदी बना ली है, इसमें तुम ने उसके पीछे चलना छोड़कर उसके विरुद्ध आज बलवा किया है?
राजा अर्तक्षत्र से, अपनी यात्रा के समय अपनी सुरक्षा के लिये सैनिक और घुड़सवारों को माँगने में मैं लज्जित था। सड़क पर शत्रु थे। मेरी लज्जा का कारण यह था कि हमने राजा से कह रखा था कि, “हमारा परमेश्वर उस हर व्यक्ति के साथ है जो उस पर विश्वास करता है और परमेश्वर उस हर एक व्यक्ति पर क्रोधित होता है जो उससे मुँह फेर लेता है।”
तब यहोवा अपने लिये विशेष स्थान चुनेगा वह वहाँ अपना नाम प्रतिष्ठित करेगा और तुम उन सभी चीजों को वहीं लाओगे जिनके लिए मैं आदेश दे रहा हूँ। वहीं तुम अपनी होमबलि, अपनी बलियाँ, दशमांश, अपनी विशेष भेंट, यहोवा को वचन दी गई भेंट, अपनी स्वेच्छा भेंट और अपने मवेशियों के झुण्ड एवं रेवड़ का पहलौठा बच्चा लाओ।
किन्तु इस्राएल के लोगों के अन्य समूहों ने, जो तब तक शीलो में थे, उस वेदी के विषय में सुना जो इन तीनों परिवार समूहों ने बनायी थी। उन्होंने यह सुना कि यह वेदी कनान की सीमा पर गोत्र नामक स्थान पर थी। यह यरदन नदी के किनारे इस्राएल की ओर थी।
यहोवा ने कहा, “शाऊल ने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया है। इसलिए मुझे इसका अफसोस है कि मैंने उसे राजा बनाया। वह उन कामों को नहीं कर रहा है जिन्हें करने का आदेश मैं उसे देता हूँ।” शमूएल भड़क उठा और फिर उसने रात भर यहोवा की प्रार्थना की।