11 इस्साकार और आशेर के क्षेत्र के बेतशान और इसके छोटे नगर तथा यिबलाम और इसके छोटे नगर मनश्शे के थे। मनश्शे के अधिकार में दोर तथा इसके छोटे नगरों में रहने वाले लोग तथा एनदोर और इसके छोटे नगर भी थे। मनश्शे का अधिकार तानाक और उसके छोटे नगरों में रहने वाले लोगों, और नापेत के तीन नगरों पर भी था।
11 और मनश्शे को, इस्साकार और आशेर अपने अपने नगरों समेत बेतशान, यिबलाम, और अपने नगरों समेत दोर के निवासी, और अपने नगरों समेत एनदोर के निवासी, और अपने नगरों समेत तानाक के निवासी, और अपने नगरों समेत मगिद्दो के निवासी, ये तीनों जो ऊंचे स्थानों पर बसे हैं मिले।
11 इस्साकार और आशेर के भूमि-क्षेत्रों में स्थित बेतशआन और उसके गांवों, इब्लआम तथा उसके गांवों, पर भी उनका अधिकार था। इसके अतिरिक्त दोर नगर और उसके गांवों, एन-दोर नगर और उसके गांवों, तअनख नगर और उसके गांवों, मगिद्दो नगर और उसके गांवों के निवासियों पर, तथा नाफत के तीसरे भाग पर उनका अधिकार था।
11 और मनश्शे को, इस्साकार और आशेर अपने अपने नगरों समेत बेतशान, यिबलाम, और अपने नगरों समेत दोर के निवासी, और अपने नगरों समेत एनदोर के निवासी, और अपने नगरों समेत तानाक के निवासी, और अपने नगरों समेत मगिद्दो के निवासी, ये तीनों जो ऊँचे स्थानों पर बसे हैं मिले।
11 इस्साखार तथा आशेर के भूमि प्रदेश के अंदर में ही मनश्शेह को ये दिए गये: बेथ-शान तथा इसके चारों ओर के गांवों, इब्लीम तथा इसके चारों ओर के गांवों, दोर तथा इसके चारों ओर के गांवों, एन-दोर तथा इसके चारों ओर के गांवों, तानख तथा इसके चारों ओर के गांवों, मगिद्दो तथा इसके चारों ओर के गांवों. (और तीसरा नगर नाफ़ोथ था.)
11 और मनश्शे को, इस्साकार और आशेर अपने-अपने नगरों समेत बेतशान, यिबलाम, और अपने नगरों समेत दोर के निवासी, और अपने नगरों समेत एनदोर के निवासी, और अपने नगरों समेत तानाक की निवासी, और अपने नगरों समेत मगिद्दो के निवासी, ये तीनों जो ऊँचे स्थानों पर बसे हैं मिले।
तब दाऊद ने शाऊल और योनातन की अस्थियाँ याबेश गिलाद के लोगों से लीं। (याबेश के लोगों ने इन अस्थियों को बेतशान के सार्वजनिक रास्ते से चुरा ली थी। यह सार्वजनिक रास्ता बेतशान में वहाँ है जहाँ पलिश्तियों ने शाऊल और योनातन के शवों को लटकाया था। पलिश्तियों ने इन शवों को शाऊल को गिलबो में मारने के बाद लटकाया था)
राजा सुलैमान ने दासों को अपने मन्दिर और महल बनाने के लिये काम करने के लिये विवश किया। तब राजा सुलैमान ने इन दासों का उपयोग बहुत सी चीजों को बनाने में किया। उसने मिल्लो बनाया। उसने यरूशलेम नगर के चारों ओर चहारदीवारी भी बनाई। तब उसने हासोर, मगिद्दो और गेजेर नगरों को पुन: बनाया।
यहूदा के राजा अहज्याह ने यह देखा, अतः वह भाग निकला। वह बारी के भवन के रास्ते से होकर भागा। येहू ने उसका पीछा किया। येहू ने कहा, “अहज्याह को भी उसके रथ में मार डालो।” अतः येहू के लोगों ने यिबलाम के पास गूर को जाने वाली सड़क पर अहज्याह पर प्रहार किया। अहज्याह मगिद्दो तक भागा, किन्तु वहाँ वह मर गया।
और इस्राएली लोगों ने, मनश्शे परिवार समूह के आधे से, आनेर और बिलाम नगरों को कहाती परिवारों को दिया। उन कहाती परिवारों ने उन नगरों के साथ खेतों को भी प्राप्त किया।
मनश्शे की भूमि से लगी सीमा पर बेतशान, तानाक, मगिदो नगर तथा दोर और उनके पास पास के छोटे नगर थे। यूसुफ के वंशज इन नगरों में रहते थे। यूसुफ इस्राएल का पुत्र था।
किन्तु योशिय्याह हटा नहीं। उसने नको से युद्ध करने का निश्चय किया, इसलिये उसने अपना भेष बदला औऱ युद्ध करने गया। योशिय्याह ने उसे सुनने से इन्कार कर दिया जो नको ने परमेश्वर के आदेश के बारे में कहा। योशिय्याह मगिद्दो के मैदान में युद्ध करने गया।
यहोवा कहता है, “वह समय आएगा जब रब्बा अम्मोन के लोग युद्ध का घोष सुनेंगे। रब्बा अम्मोन नष्ट किया जाएगा। यह नष्ट इमारतों से ढकी पहाड़ी बनेगा और इसको चारों ओर के नगर जला दिये जाएंगे। उन लोगों ने इस्राएल के लोगों को वह भूमि छोड़ने को विवश किया। किन्तु इस्राएल के लोग उन्हें हटने के लिये विवश करेंगे।” यहोवा ने यह सब कहा।
उत्तर के पहाड़ी एवं मरुभूमि प्रदेश के सभी राजाओं के पास सन्देश भेजा। याबीन ने किन्नेरेत के राजा, नेगेव और पश्चिमी नीची पहाड़ियों के राजाओं को सन्देश भेजा। याबीन ने पश्चिम में नफोथ दोर के राजा को भी सन्देश भेजा।
दक्षिण की भूमि एप्रैम की थी और उत्तर की भूमि मनश्शे की थी। भूमध्य सागर पश्चिम सीमा बनाता था। यह सीमा उत्तर में आशेर के प्रदेश को छूती थी और पूर्व मे इस्साकार के प्रदेश को।
यूसुफ के लोगों ने कहा, “यह सत्य है कि एप्रैम का पहाड़ी प्रदेश हम लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है किन्तु यह प्रदेश जहाँ कनानी लोग रहते हैं खतरनाक है। वे कुशल योद्धा हैं तथा उनके पास शक्तिशाली, अस्त्र—शस्त्र हैं, लोहे के रथ हैं, तथा वे बेतशान के उस क्षेत्र के सभी छोटे नगरों तथा यिज्रेल की घाटी में भी नियंत्रण रखते हैं।”
कनानी लोग बेतशान, तानाक, दोर, यिबलाम, मगिद्दो और उनके चारों ओर के छोटे नगरों में रहते थे। मनश्शे के परिवार समूह के लोग उन लोगों को उन नगरों को छोड़ने के लिये विवश नहीं कर सके थे। इसलिए कनानी लोग वहाँ टिके रहे। उन्होने अपना घर छोड़ने से इन्कार कर दिया।
अन्त में शाऊल ने अपने अधिकारियों से कहा, “मेरे लिये ऐसी स्त्री का पता लगाओ जो ओझा हो। तब मैं उससे पूछने जा सकता हूँ कि इस युद्ध में क्या होगा।” उसके अधिकारियों ने उत्तर दिया, “एन्दोर में एक ओझा है।”
इसलिये याबेश के सभी सैनिक बेतशान पहुँचे। वे सारी रात चलते रहे! तब उन्होंने शाऊल के शव को बेतशान की दीवार से उतारा। उन्होंने शाऊल के पुत्रों के शवों को भी उतारा। तब वे इन शवों को याबेश ले आए। वहाँ याबेश के लोगों ने शाऊल और उसके तीनों पुत्रों के शवों को जलाया।