19 ‘दक्षिणी सीमा − दक्षिणी सीमा तामार से आरम्भ होगी। वह मरीबा-कादेश के जलाशय से होती हुई मिस्र की बरसाती नदी के किनारे-किनारे भूमध्यसागर तक जाएगी। यही दक्षिण की सीमा होगी।
इस प्रकार मन्दिर में राजा सुलैमान और इस्राएल के सारे लोगों ने पर्व मनाया। सारा इस्राएल, उत्तर में हमात दर्रे से लेकर दक्षिण में मिस्र की सीमा तक, वहाँ था। वहाँ असंख्य लोग थे। उन्होंने खाते पीते, सात दिन यहोवा के साथ मिलकर आनन्द मनाया। तब वे अगले सात दिनों तक वहाँ ठहरे। उन्होंने सब मिलाकर चौदह दिनों तक उत्सव मनाया।
कुछ लोग आए और उन्होने यहोशापात से कहा, “तुम्हारे विरुद्ध एदोम से एक विशाल सेना आ रही है। वे मृत सागर की दूसरी ओर से आ रहे हैं। वे हसासोन्तामार में पहले से ही हैं।” (हसासोन्तामार को एनगदी भी कहा जाता है)
जब तुम विपति में थे तुमने सहायता को पुकारा और मैंने तुम्हें छुड़ाया। मैं तुफानी बादलों में छिपा हुआ था और मैंने तुमको उत्तर दिया। मैंने तुम्हें मरिबा के जल के पास परखा।”
उस समय, यहोवा दूसरे लोगों से अपने लोगों को अलग करने लगेगा। परात नदी से वह इस कार्य का आरम्भ करेगा। परात नदी से लेकर मिस्र की नदी तक यहोवा तुम इस्राएलियों को एक एक करके इकट्ठा करेगा।
तुम मछुआरों को लगातार एनगदी से ऐनेग्लैम तक खड़े देख सकते हो। तुम उनको अपना मछली का जाल फेंकते और कई प्रकार की मछलियाँ पकड़ते देख सकते हो। मृत सागर में उतनी ही प्रकार की मछलियाँ है जितनी प्रकार की भूमध्य सागर में।
इस स्थान को मरीबा का पानी कहा जाता था। यही वह स्थान था जहाँ इस्राएल के लोगों ने यहोवा के साथ बहस की और यह वह स्थान था जहाँ यहोवा ने यह दिखाया कि वह पवित्र था।
क्यों? क्योंकि जब तुम सीन की मरुभूमि में कादेश के निकट मरीबा के जलाशयों के पास थे तब मेरे विरुद्ध पाप किया था और इस्राएल के लोगों ने उसे वहाँ देखा था। तुमने मेरा सम्मान नहीं किया और तुमने यह लोगों को नहीं दिखाया कि मैं पवित्र हूँ।
मूसा ने लेवी के बारे में कहाः “तेरा अनुयायी सच्चा लेवी धारण करता ऊरीम—तुम्मीम, मस्सा पर तूने लेवी की परीक्षा की, तेरा विशेष व्यक्ति रखता उन्हें। लड़ा तू था उसके लिये मरीबा के जलाशयों पर।