यहेजकेल 34:8 - पवित्र बाइबल8 “मैं अपनी जीवन की शपथ खाकर तुम्हें यह विश्वास दिलाता हूँ। जंगली जानवरों ने मेरी भेड़ों को पकड़ा। हाँ, मेरी रेवड़ सभी जंगली जानवरों का भोजन बन गई। क्यों क्योंकि उनका कोई ठीक गड़ेरिया नहीं था। मेरे गड़ेरियों ने मेरे रेवड़ की खोज नहीं की। उन गड़ेरियों ने भेड़ों को केवल मारा और स्वयं खाया। उन्होंने मेरी रेवड़ का पेट नहीं भरा।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible8 परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मेरी भेड़-बकरियां जो लुट गई, और मेरी भेड़-बकरियां जो चरवाहे के न होने के कारण सब वनपशुओं का आहार हो गई; और इसलिये कि मेरे चरवाहों ने मेरी भेड़-बकरियोंकी सुधि नहीं ली, और मेरी भेड़- बकरियों का पेट नहीं, अपना ही अपना पेट भरा; अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)8 मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है! मेरी भेड़ों को शिकारियों ने मार डाला। वे जंगली पशुओं का आहार बन गईं; क्योंकि उनकी देखभाल करनेवाला चरवाहा नहीं था। मैंने जिनको उन का चरवाहा नियुक्त किया था, उन चरवाहों ने भी भेड़ों की खोज-खबर नहीं ली। उन्होंने उनको चराया नहीं, बल्कि अपना ही पेट भरा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)8 परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मेरी भेड़–बकरियाँ जो लुट गईं, और मेरी भेड़–बकरियाँ जो चरवाहे के न होने के कारण सब वनपशुओं का आहार हो गईं; और इसलिये कि मेरे चरवाहों ने मेरी भेड़–बकरियों की सुधि नहीं ली, और मेरी भेड़–बकरियों का पेट नहीं, अपना ही अपना पेट भरा; अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल8 परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, क्योंकि मेरे झुंड का कोई चरवाहा नहीं है और इसलिये उसे लूटा गया है और वह सब जंगली पशुओं का आहार बन गया है, और क्योंकि मेरे चरवाहों ने मेरे झुंड की खोज नहीं की और मेरे झुंड पर ध्यान देने के बदले अपने आप पर ध्यान दिया, अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20198 परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मेरी भेड़-बकरियाँ जो लुट गई, और मेरी भेड़-बकरियाँ जो चरवाहे के न होने के कारण सब वन-पशुओं का आहार हो गई; और इसलिए कि मेरे चरवाहों ने मेरी भेड़-बकरियों की सुधि नहीं ली, और मेरी भेड़-बकरियों का पेट नहीं, अपना ही अपना पेट भरा; अध्याय देखें |
ये जादुगर अपनी छोटी मूर्तियों और जादू का उपयोग भविष्य की घटनाओं को जानने के लिए करते हैं, किन्तु यह सब व्यर्थ है। वे लोग दर्शन करते हैं और अपने स्वपनों के बारे में कुछ कहते हैं, किन्तु यह सब व्यर्थ झुठ के अलावा कुछ नहीं हैं। अत: लोग भेङों की तरह इधर —उधर सहायता के लिये पुकारते हुए भटक रहे हैं। किन्तु उनको रास्ता दिखाने वाला कोई गङेरया नहीं।