यहेजकेल 34:27 - पवित्र बाइबल27 खेतों में उगने वाले वृक्ष अपने फल देंगे। भूमि अपनी फसल देगी। अत: भेड़ें अपने प्रदेश में सुरक्षित रहेंगी। मैं उनके ऊपर रखे जूवों को तोड़ दूँगा। मैं उन्हें उन लोगों की शक्ति से बचाऊँगा जिन्होंने उन्हें दास बनाया। तब वे जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ। अध्याय देखेंHindi Holy Bible27 और मैदान के वृक्ष फलेंगे और भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और वे अपने देश में निडर रहेंगे; जब मैं उनके जूए को तोड़ कर उन लोगों के हाथ से छुड़ाऊंगा, जो उन से सेवा कराते हैं, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)27 मैदान और उद्यानों के वृक्षों में फल लगेंगे, और खेतों में भरपूर फसल होगी। भूमि अपनी उपज देगी। मेरे निज लोग अपने देश में निरापद निवास करेंगे। जब मैं उनकी गुलामी के जूए को तोड़कर उन्हें स्वतन्त्र करूंगा, जब मैं उनको गुलाम बनाने वाले शत्रु के हाथ से मुक्त करूंगा, तब उन्हें ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)27 मैदान के वृक्ष फलेंगे और भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और वे अपने देश में निडर रहेंगे; जब मैं उनके जूए को तोड़कर उन लोगों के हाथ से छुड़ाऊँगा, जो उन से सेवा कराते हैं, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल27 पेड़ों में फल लगेंगे और भूमि अपना उपज देगी; लोग अपने देश में सुरक्षित रहेंगे. जब मैं उनके जूए को तोड़ूंगा और उन्हें उन लोगों के हाथों से छुड़ाऊंगा, जिन्होंने उन्हें गुलाम बना लिया है, तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201927 मैदान के वृक्ष फलेंगे और भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और वे अपने देश में निडर रहेंगे; जब मैं उनके जूए को तोड़कर उन लोगों के हाथ से छुड़ाऊँगा, जो उनसे सेवा कराते हैं, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। अध्याय देखें |
सिय्योन के दु:खी लोगों को आदर देना (अभी तो उनके पास बस राख हैं); सिय्योन के लोगों को प्रसन्नता का स्नेह प्रदान करना; (अभी तो उनके पास बस दु:ख हैं) सिय्योन के लोगों को परमेश्वर की स्तुति के गीत प्रदान करना (अभी तो उनके पास बस उनके दर्द हैं); सिय्योन के लोगों को उत्सव के वस्त्र देना (अभी तो उनके पास बस उनके दु:ख ही हैं।) उन लोगों को ‘उत्तमता के वृक्ष’ का नाम देना; उन लोगों को यहोवा के अद्भुत वृक्ष की संज्ञा देना।”
मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “मैंने इस्राएल के लोगों को अन्य राष्ट्रों में बिखेर दिया। किन्तु मैं फिर इस्राएल के परिवार को एक साथ इकट्ठा करूँगा। तब वे राष्ट्र समझेंगे कि मैं पवित्र हूँ और वे मुझे उसी रूप में लेंगे। उस समय इस्राएल के लोग अपने देश में रहेंगे अर्थात जिस देश को मैंने अपने सेवक याकूब को दिया।
बहुत लम्बे समय के बाद तुम काम पर बुलाये जाओगे। आगे आने वाले वर्षों में तुम उस प्रदेश में आओगे जो युद्ध के बाद पुन: निर्मित होगा। उस देश में लोग इस्राएल के पर्वत पर आने के लिये बहुत से राष्ट्रों से इकट्ठे किये जाएंगे। अतीत में इस्राएल का पर्वत बार—बार नष्ट किया गया था। किन्तु ये लोग उन दूसरे राष्ट्रों से वापस लौटे होंगे। वे सभी सुरक्षित रहेंगे।