यहेजकेल 31:9 - पवित्र बाइबल9 मैंने अनेक शाखाओं सहित इस वृक्ष को सुन्दर बनाया और परमेश्वर के उद्यान अदन, के सभी वृक्ष इससे ईर्ष्या करते थे!’” अध्याय देखेंHindi Holy Bible9 मैं ने उसे डालियों की बहुतायत से सुन्दर बनाया था, यहां तक कि एदेन के सब वृक्ष जो परमेश्वर की बारी में थे, उस से डाह करते थे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)9 मैं-प्रभु ने ही उसको सुन्दर बनाया; मैंने ही उसकी शाखाओं को सघन किया। मैंने उसको इतना सुन्दर बनाया कि अदन की वाटिका के सब वृक्ष, मुझ-परमेश्वर के उद्यान के वृक्ष, उससे ईष्र्या करते हैं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)9 मैं ने उसे डालियों की बहुतायत से सुन्दर बनाया था, यहाँ तक कि अदन के सब वृक्ष जो परमेश्वर की बारी में थे, उससे डाह करते थे। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल9 मैंने प्रचूर शाखाओं के साथ इसे सुंदर बनाया, परमेश्वर की वाटिका, एदेन के सारे पेड़ इससे ईर्ष्या करते थे. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20199 मैंने उसे डालियों की बहुतायत से सुन्दर बनाया था, यहाँ तक कि अदन के सब वृक्ष जो परमेश्वर की बारी में थे, उससे डाह करते थे। अध्याय देखें |
सिय्योन पर्वत को यहोवा वैसे ही आशीर्वाद देगा। यहोवा को यरूशलेम और उसके खंडहरों के लिये खेद होगा और वह उस नगर के लिये कोई बहुत बड़ा काम करेगा। यहोवा रेगिस्तान को बदल देगा। वह रेगिस्तान अदन के उपवन के जैसे एक उपवन में बदल जायेगा। वह उजाड़ स्थान यहोवा के बगीचे के जैसा हो जाएगा। लोग अत्याधिक प्रसन्न होंगे। लोग वहाँ अपना आनन्द प्रकट करेंगे। वे लोग धन्यवाद और विजय के गीत गायेंगे।
“अत: मिस्र, एदेन में बहुत से विशाल और शक्तिशाली वृक्ष है। उनमें से किस वृक्ष के साथ मैं तुम्हारी तुलना करूँगा! तुम एदेन के वृक्षों के साथ पाताल लोक को जाओगे! मृत्यु के स्थान में तुम उन विदेशियों और युद्ध में मारे गए व्यक्तियों के साथ में लेटोगे। “हाँ, यह फिरौन और उसके सभी लोगों के साथ होगा!” मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा था।
मैंने वृक्ष को गिराया और वृक्ष के गिरने की ध्वनि के भय से राष्ट्र काँप उठे। मैंने वृक्ष को मृत्यु के स्थान पर पहुँचाया। यह नीचे उन लोगों के साथ रहने गया जो उस नरक में नीचे गिरे हुए थे। अतीत में एदेन के सभी वृक्ष अर्थात् लबानोन के सर्वोत्तम वृक्ष उस पानी को पीते थे। उन सभी वृक्षों ने पाताल लोक में शान्ति प्राप्त की।
फिर मैंने सोचा, “लोग इतनी कड़ी मेहनत क्यों करते हैं?” मैंने देखा है कि लोग सफल होने और दूसरे लोगों से और अधिक ऊँचा होने के प्रयत्न में लगे रहते हैं। ऐसा इसलिये होता है कि लोग ईष्यालु हैं। वे नहीं चाहते कि जितना उनके पास है, दूसरे के पास उससे अधिक हो। यह सब अर्थहीन है। यह वैसा ही है जैसे वायु को पकड़ना।