उसके भीतरी बगीचे में सफेद और नीले रंग के कपड़े, कमरे के चारों ओर लगे थे। उन कपड़ों को सफेद सूत और बैंगनी रंग की डोरियों से चाँदी के छल्लों और संगमरमर के खम्भों पर टाँका गया था। वहाँ सोने और चाँदी की चौकियाँ थीं। ये चौकियाँ लाल और सफेद रंग की ऐसी स्फटिक की भूमितल में जड़ी हुई थीं जिसमें संगमरमर, प्रकेलास, सीप और दूसरे मूल्यवान पत्थर जड़े थे।
“किन्तु तुम लोग, जिन्होंने यहोवा को त्याग दिया है, दण्डित किये जाओगे। तुम ऐसे लोग हो जिन्होंने मेरे पवित्र पर्वत को भुला दिया है। तुम ऐसे लोग हो जो भाग्य के मिथ्या देवता की पूजा करते हो। तुम भाग्य रूपी झूठे देवता के सहारे रहते हो।
हमने स्वर्ग की रानी को बलि भेंट करने की प्रतिज्ञा की है और हम वह सब करेंगे जिसकी हमने प्रतिज्ञा की है। हम उसकी पूजा में बलि चढ़ायेंगे और पेय भेंट देंगे। यह हमने अतीत में किया और हमारे पूर्वजों, राजाओं और हमारे पदाधिकारियों ने अतीत में यह किया। हम सब ने यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों पर यह किया। जिन दिनों हम स्वर्ग की रानी की पूजा करते थे हमारे पास बहुत अन्न होता था। हम सफल होते थे। हम लोगों का कुछ भी बुरा नहीं हुआ।
वेदी के समान लकड़ी का बना दिखता था। यह तीन हाथ ऊँचा और दो हाथ लम्बा था। इसके कोने, नींव और पक्ष लकड़ी के थे। उस व्यक्ति ने मुझसे कहा, “यह मेज है जो यहोवा के सामने है।”
और केवल तभी तुम जानोगे कि मैं यहोवा हूँ। तुम यह तब समझोगे जब तुम अपने शवों को गन्दी मूर्तियों के सामने और वेदियों के चारों ओर देखोगे। तुम्हारे पूजा के उन हर स्थानों के निकट, हर एक ऊँची पहाड़ी, पर्वत तथा हर एक हरे वृक्ष और पत्ते वाले हर एक बांज वृक्ष के नीचे, वे शव होंगे। उन सभी स्थानों पर तुमने अपनी बलि—भेंट की है। वे तुम्हारी गन्दी मूर्तियों के लिए मधुर गन्ध थी।
उन्होंने गरीब लोगों के वस्त्रों को लिया और वे उन पर गलीचे की तरह तब तक बैठे जब तक वे वेदी पर पूजा करते रहे। उन्होंने गरीबों को उनके वस्त्र गिरवी रख कर सिक्के उधार दिये। उन्होंने लोगों को जुर्माना देने को मजबूर किया और उस जुर्माने की रकम से अपने परमेश्वर के मन्दिर में पीने के लिये दाखमधु खरीदी।
किन्तु तुम सभी विलासों का भोग करते हो। तुम हाथी दाँत की सेज पर सोते हो और अपने बिछौने पर आराम करते हो। तुम रेवड़ों में से कोमल मेमने और बाड़ों में से नये बछड़े खाते हो।
यहोवा ने कहा, “तुम मेरी वेदी पर अशुद्ध रोटी लाते हो!” “किन्तु तुम कहते हो, ‘वह रोटी अशुद्ध कैसे हैं?’ “यहोवा ने कहा, ‘तुम मेरी वेदी का सम्मान नहीं करते।
लेकिन शाऊल ने इन्कार किया। उसने कहा, “मैं खाऊँगा नहीं।” शाऊल के अधिकारियों ने उस स्त्री का साथ दिया और उससे खाने के लिये प्रार्थना की। शाऊल ने उनकी बात सुनी। वह भूमि से उठा और बिस्तर पर बैठ गया।