36 जैसे मैंने “मिस्र के निर्जन प्रदेश” में तुम्हारे पूर्वजों का न्याय किया था, और उन्हें दण्ड दिया था वैसे ही मैं तुम पर मुकदमा चलाऊंगा, और तुम्हें दण्ड दूंगा।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
“‘किन्तु वे बच्चे मेरे विरुद्ध हो गये। उन्होंने मेरे नियमों का पालन नहीं किया। उन्होंने मेरे आदेश नहीं माने। उन्होंने वे काम नहीं किये जो मैंने उनसे कहा वे अच्छे नियम थे। यदि कोई उनका पालन करेगा तो वह जीवित रहेगा। उन्होंने मेरे विश्राम के दिनों को ऐसे लिया मानों वे महत्व न रखते हों। इसलिये मैंने उन्हें मरूभूमि में पूरी तरह नष्ट करने का निश्चय किया जिससे वे मेरे क्रोध की पूरी शक्ति का अनुभव कर सकें।
“‘किन्तु इस्राएल का परिवार मरूभूमि में मेरे विरुद्ध उठ खड़ा हुआ। उन्होंने मेरे नियमों का अनुसरण नहीं किया। उन्होंने मेरे नियमों का पालन करने से इन्कार किया और वे नियम अच्छे हैं। यदि कोई व्यक्ति उनका पालन करेगा तो वह जीवित रहेगा। उन्होंने मेरे विशेष विश्राम के दिनों के प्रति ऐसा व्यवहार किया मानो उनका कोई महत्व न हो। वे उन दिनों में अनेकों बार काम करते रहे। मैंने मरूभूमि में उन्हें नष्ट करने का निश्चय किया अर्थात् अपने क्रोध की पूरी शक्ति का अनुभव उन्हें कराना चाहा।
“यहोवा ने याकूब (इस्राएल) को पाया मरू में, सप्त, झंझा—स्वरित उजड़ मरुभूमि में योहवा ने याकूब को लिया अंक में, रक्षा की उसकी, यहोवा ने रक्षा की, मानों वह आँखों की पुतली हो।
बुजुर्गों और अगुवाओं ने जो काम किये हैं यहोवा उनके विरुद्ध अभियोग चलाएगा। यहोवा कहता है, “तुम लोगों ने अँगूर के बागों को (यहूदा को) जला डाला है। तुमने गरीब लोगों की वस्तुएँ ले लीं और वे वस्तुएँ अभी भी तुम्हारे घरों में हैं।
वह चिल्लाहट पृथ्वी के सभी लोगों तक जाती है। यह चिल्लाहट किस बात के लिये है यहोवा सभी राष्ट्रों के लोगों को दण्ड दे रहा है। यहोवा ने अपने तर्कपूर्ण निर्णय लोगों के विरुद्ध दिये। उसने लोगों के साथ न्याय किया और वह बुरे लोगों को तलवार के घाट उतार रहा है।’” यह सन्देश यहोवा का है।
मैं पहले की तरह तुम्हें मरुभूमि में ले चलूँगा। किन्तु यह वह स्थान होगा जहाँ अन्य राष्ट्र रहते हैं। हम आमने—सामने खड़े होंगे और मैं तुम्हारे साथ न्याय करुँगा।
“पृथ्वी पर अनेक परिवार हैं। किन्तु तुम अकेले परिवार हो जिसे मैंने विशेष ध्यान देने के लिये चुना। किन्तु तुम मेरे विरूद्ध हो गए। अत: मैं तुम्हारे सभी पापों के लिये दण्ड दूँगा।”