तब मैंने कुछ ऐसा देखा जो बाहु की तरह था। वह बाहु बाहर बढ़ी और उसने मेरे सिर के बालों से मुझे पकड़ लिया। तब आत्मा ने मुझे हवा में उठा लिया और परमेश्वर के दर्शन में वह मुझे यरूशलेम को ले गई। वह मुझे उत्तर की ओर के भीतर फाटक पर ले गई। वह देवमूर्ति, जिससे परमेश्वर को ईर्ष्या होती है, उस फाटक के सहारे है।
उसी समय अचानक किसी पुरूष का एक हाथ प्रकट हुआ और दीवार पर लिखने लगा। उसकी उंगलियाँ दीवार के लेप को कुरेदती हुई शब्द लिखने लगीं। दीवार के पास राजा के महल में उस हाथ ने दीवार पर लिखा। हाथ जब लिख रहा था तो राजा उसे देख रहा था।
“यिर्मयाह, पत्रक लो और उन सन्देशों को उस पर लिख डालो जिन्हें मैंने तुमसे कहे हैं। मैंने तुमसे इस्राएल और यहूदा के राष्ट्रों एवं सभी राष्ट्रों के बारे में बातें की हैं। जब से योशिय्याह राजा था तब से अब तक मैंने जो सन्देश तुम्हें दिये हैं, उन्हें लिख डालो।
इसलिये यिर्मयाह ने बारुक नामक एक व्यक्ति को बुलाया। बारुक, नेरिय्याह नामक व्यक्ति का पुत्र था। यिर्मयाह ने उन सन्देशों को कहा जिन्हें यहोवा ने उसे दिया था। जिस समय यिर्मयाह सन्देश दे रहा था उसी समय बारुक उन्हें पत्रक पर लिख रहा था।