यहेजकेल 2:8 - पवित्र बाइबल8 “मनुष्य के पुत्र, तुम्हें उन बातों को सुनना चाहिये जिन्हें मैं तुमसे कहता हूँ। उन विद्रोही लोगों की तरह मेरे विरुद्ध न जाओ। अपना मुँह खोलो जो बात मैं तुमसे कहता हूँ, स्वीकार करो और उन वचनों को लोगों से कहो। इन वचनों को खा लो।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible8 परन्तु हे मनुष्य के सन्तान, जो मैं तुझ से कहता हूँ, उसे तू सुन ले, उस बलवई घराने के समान तू भी बलवई न बनना; जो मैं तुझे देता हूँ, उसे मुंह खोल कर खा ले। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)8 ‘ओ मानव-सन्तान! जो बात मैं तुझसे कहता हूं, उसको ध्यान से सुन। तू भी उन विद्रोहियों के समान विद्रोही मत बनना। अपना मुंह खोल, और जो मैं तुझको दे रहा हूं, उसको खा जा!’ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)8 “परन्तु हे मनुष्य के सन्तान, जो मैं तुझ से कहता हूँ, उसे तू सुन ले, उस विद्रोही घराने के समान तू भी विद्रोही न बनना, जो मैं तुझे देता हूँ, उसे मुँह खोलकर खा ले।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल8 पर हे मनुष्य के पुत्र, मैं तुमसे जो कहता हूं, उसे सुनो. इन विद्रोही लोगों की तरह विद्रोह न करना; अपना मुख खोलो और मैं तुम्हें जो दे रहा हूं, उसे खाओ.” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20198 “परन्तु हे मनुष्य के सन्तान, जो मैं तुझ से कहता हूँ, उसे तू सुन ले, उस विद्रोही घराने के समान तू भी विद्रोही न बनना जो मैं तुझे देता हूँ, उसे मुँह खोलकर खा ले।” (यिर्म. 15:16) अध्याय देखें |
“मनुष्य के पुत्र, तुम विद्रोही लोगों के साथ रहते हो। वे सदैव मेरे विरुद्ध गये हैं। देखने के लिये उनकी आँखें हैं जो कुछ मैंने उनके लिये किया है। किन्तु वे उन चीजों को नहीं देखते। सुनने के लिये उनके कान हैं, उन चीजों को जो मैंने उन्हें करने को कहा है। किन्तु वे मेरे आदेश नहीं सुनते। क्यों क्योंकि वे विद्रोही लोग हैं।
इसलिये मैंने (यहेजकेल ने) आदेश के अनुसार किया। दिन के समय मैंने अपना सामान उठाया और ऐसा दिखावा किया मानों मैं किसी दूर देश को जा रहा हूँ। उस शाम मैंने अपने हाथों का उपयोग किया और दीवार में एक छेद बनाया। रात को मैंने अपना सामान कन्धे पर रखा और चल पड़ा। मैंने यह सब इस प्रकार किया कि सभी लोग मुझे देख सकें।
योना परमेश्वर की बातें नहीं मानना चाहता था, सो योना ने यहोवा से कहीं दूर भाग जाने का प्रयत्न किया। सो योना यापो की ओर चला गया। योना ने एक नौका ली जो सुदूर नगर तर्शीश को जा रही थी। योना ने अपनी यात्रा के लिये धन दिया और वह नाव पर जा चढ़ा। योना चाहता था कि इस नाव पर वह लोगों के साथ तर्शीश चला जाये और यहोवा से कहीं दूर भाग जाये।