17 इसलिये तुम्हें उन लोगों के कहना चाहिए कि उनका स्वामी यहोवा, उन्हें वापस लाएगा। मैंने तुम्हें, बहुत से देशों में बिखेर दिया है। किन्तु मैं तुम लोगों को एक साथ इकट्ठा करुँगा और उन राष्ट्रों से तुम्हें वापस लाऊँगा। मैं इस्राएल का प्रदेश तुम्हें वापस दूँगा
17 इसलिये, उन से कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, कि मैं तुम को जाति जाति के लोगों के बीच से बटोरूंगा, और जिन देशों में तुम तितर-बितर किए गए हो, उन में से तुम को इकट्ठा करूंगा, और तुम्हें इस्राएल की भूमि दूंगा।
17 इतना ही नहीं, तू कहना, “स्वामी-प्रभु यों कहता है: मैं तुम्हें उन कौमों के मध्य से एकत्र करूंगा। जिन देशों में मैंने तुम्हें बिखेर दिया है, वहां से मैं तुम्हें निकालूंगा, और तुम्हें इस्राएल देश फिर दूंगा।”
17 इसलिये, उनसे कह, ‘प्रभु यहोवा यों कहता है : मैं तुम को जाति जाति के लोगों के बीच से बटोरूँगा, और जिन देशों में तुम तितर–बितर किए गए हो, उनमें से तुम को इकट्ठा करूँगा, और तुम्हें इस्राएल की भूमि दूँगा।’
17 “इसलिये उनसे कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं तुम्हें जनताओं के बीच से इकट्ठा करूंगा और मैं तुम्हें उन देशों से वापस लाऊंगा, जहां तुम तितर-बितर किए गये हो, और मैं फिर से तुम्हें इस्राएल देश वापस दे दूंगा.’
17 इसलिए, उनसे कह, ‘प्रभु यहोवा यह कहता है, कि मैं तुम को जाति-जाति के लोगों के बीच से बटोरूँगा, और जिन देशों में तुम तितर-बितर किए गए हो, उनमें से तुम को इकट्ठा करूँगा, और तुम्हें इस्राएल की भूमि दूँगा।’
मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “मैंने इस्राएल के लोगों को अन्य राष्ट्रों में बिखेर दिया। किन्तु मैं फिर इस्राएल के परिवार को एक साथ इकट्ठा करूँगा। तब वे राष्ट्र समझेंगे कि मैं पवित्र हूँ और वे मुझे उसी रूप में लेंगे। उस समय इस्राएल के लोग अपने देश में रहेंगे अर्थात जिस देश को मैंने अपने सेवक याकूब को दिया।
मैं उन्हें उन राष्ट्रों से वापस लाऊँगा। मैं उन देशों से उन्हें इकट्ठा करूँगा। मैं उन्हें उनके अपने देश में लाऊँगा। मैं उन्हें इस्राएल के पर्वतों पर, जलस्रोतों के सहारे, उन सभी स्थानों में, जहाँ लोग रहते है, खिलाऊँगा।
उन दिनों यहूदा का परिवार इस्राएल के परिवार के साथ मिल जायेगा। वे उत्तर में एक देश से एक साथ आएंगे। वे उस देश में आएंगे जिसे मैंने उनके पूर्वजों को दिया था।”
इस्राएल के परमेश्वर यहोवा, ने कहा, “यहूदा के लोग अपने देश से ले जाए गए। उनका शत्रु उन्हें बाबुल ले गया। वे लोग इन अच्छे अंजीरों की तरह होंगे। मैं उन लोगों पर दया करुँगा।
तब तुम्हारी भेंट की मधुर गन्ध से प्रसन्न होऊँगा। यह सब होगा जब मैं तुम्हें वापस लाऊँगा। मैंने तुम्हें विभिन्न राष्ट्रों में बिखेरा था। किन्तु मैं तुम्हें एक साथ इकट्ठा करुँगा और तुम्हें फिर से अपने विशेष लोग बनाऊँगा और सभी राष्ट्र यह देखेंगे।
यिर्मयाह, उत्तर की ओर देखो और यह सन्देश बोलो: “‘अविश्वासी इस्राएल के लोगों तुम लौटो।’ यह सन्देश यहोवा का था। ‘मैं तुम पर भौहे चढ़ाना छोड़ दूँगा, मैं दयासागर हूँ।’ यह सन्देश यहोवा का था। ‘मैं सदैव तुम पर क्रोधित नहीं रहूँगा।’
यहोवा कहता है: “याकूब के लोग अब बन्दी हैं। किन्तु वे वापस आएंगे। और मैं याकूब के परिवारों पर दया करूँगा। नगर अब बरबाद इमारतों से ढका एक पहाड़ी मात्र है। किन्तु यह नगर फिर बनेगा और राजा का महल भी वहाँ फिर बनेगा जहाँ इसे होना चाहिये।
मैं उनकी रक्षा करूँगा। मैं उन्हें यहूदा देश में वापस लाऊँगा। मैं उन्हें चीर कर फेंकूँगा नहीं, मैं फिर उनका निर्माण करुँगा। मैं उन्हें उखाड़ूँगा नहीं अपितु रोपूँगा जिससे वे बढ़े।
किन्तु यहोवा कहता है: “रोना बन्द करो, अपनी आँखे आँसू से न भरो! तुम्हें अपने काम का पुरस्कार मिलेगा!” यह सन्देश यहोवा का है। “इस्राएल के लोग अपने शत्रु के देश से वापस आएंगे।
तब तुम समझोगे कि मैं यहोवा हूँ। तुम यह तब जानोगे जब मैं तुम्हें इस्राएल देश में वापस लाऊँगा। यह वही देश है जिसे मैंने तुम्हारे पूर्वजों को दने का वचन दिया था।
मैं उन्हें अपने को समझने की इच्छा रखने वाला बनाऊँगा। वे समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ। वे मेरे लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर। मैं यह करूँगा क्योंकि वे बाबुल के बन्दी पूरे हृदय से मेरी शरण में आएंगे।
यहोवा जो कहता है, वह यह है: “बाबुल सत्तर वर्ष तक शक्तिशाली रहेगा। उसके बाद बाबुल में रहने वाले लोगों, मैं तुम्हारे पास आऊँगा। मैं तुम्हें वापस यरूशलेम लाने की सच्ची प्रतिज्ञा पूरी करुँगा।
मैं तुम्हें इन अन्य राष्ट्रों से बाहर लाऊँगा। मैंने तुम लोगों को उन राष्ट्रों में बिखेरा। किन्तु मैं तुम लोगों को एक साथ इकट्ठा करुँगा और इन राष्ट्रों से वापस लौटाऊँगा। किन्तु मैं अपनी शक्तिशाली भुजाएं उठाऊँगा और तुम्हें दण्ड दूँगा। मैं तुम्हारे विरुद्ध अपना क्रोध प्रकट करुँगा।